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कब्ज (constipation) क्या है? इसके कारण, लक्षण, और कब्ज से होने वाली बीमारियां, तथा इसका आयुर्वेदिक उपचार, बचाव एव सावधानियां:

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आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में बताएंगे कि कब्ज (constipation) क्या है? इसके कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक उपचार, बचाव एव सावधानियां के बारे में जानकारी देने का प्रयास करेंगे, चलिए जानते है कि कब्ज क्या है?:

आजकल कब्ज एक आम समस्या बन गई है। कब्ज की समस्या के कारण व्यक्ति को मल त्यागने में कठिनाई महसूस होती है। कब्ज (constipation) की समस्या से लगभग हर कोई व्यक्ति अपने जीवनकाल में कभी न कभी इसका शिकार हुआ है। आंकड़ों के अनुसार भारत में कब्ज की समस्या से लगभग 80 फीसद व्यक्ति ग्रस्त है। कब्ज की समस्या के लिए हमारा खानपान और हमारी जीवनशैली जिम्मेदार है। कब्ज की समस्या के लिए विभिन्न कारण हो सकते है जैसे:- कम फाइबर का आहार, तरल पदार्थों का कम सेवन, अनियंत्रित दिनाचार्य, मानसिक  तनाव, रासायनिक दवाओं का अधिक सेवन, अधिक नशा करना, अधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन आदि चीजें कब्ज की समस्या के लिए  कहीं न कहीं जिम्मेदार होती है। हम कब्ज की समस्या को अपने आहार, व्यवहार और जीवनशैली की आदतों में सुधार या बदलाव करके कब्ज की समस्या से निजात पा सकते है। कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन में फाइबर उक्त चीजें जैसे: फल, मौसमी फल, सब्जियां, अंकुरित अनाज और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही हमको अपनी जीभ के स्वाद नियंत्रण लगाते हुए फास्ट फूड खाने पर लगाम लगानी चाहिए, इसके साथ ही हमको प्रसंस्कृत और पैकेज्ड युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे दूध और मांस आदि के सेवन पर रोक लगनी चाहिए। अधिक मात्रा मे कॉफी, चाय और ज्यादा शीतल पेय पदार्थों, शराब और कैफीन के सेवन को कम कर देना चाहिए। अधिक से अधिक मात्रा मे हमको प्राकृतिक और ताजी फलों और सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए, कब्ज को रोकने के लिए हमको ज्यादा मात्रा में पानी और प्राकृतिक तरल पदार्थों  का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही हमको नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए, जब भी फ्रेश होने का मन करें तो फ्रेस होने में देरी न करें। चिंता और तनावमुक्त रहें। इन्हीं उपाय को करके हम कब्ज की समस्या से राहत और  छुटकारा पा सकते है। 

कब्ज (constipation) की समस्या के क्या  कारण है:

कब्ज या (constipation) आजकल एक आम समस्या है, जिसमें पेट के अंदर खाने को पचाव करने वाले विषाणुओं का कार्य धीमा हो जाता है और व्यक्ति को मल त्याग करने में समस्या होती है। इसके अलावा कब्ज होने के कई कारण हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

• कम पानी पीना: हमको प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। पानी शरीर के अंदर मल को नर्म रखता है। कम पानी पीने से पेट में गर्मी बढ़ जाती है और कब्ज की समस्या पैदा हो जाती है।

• अनियमित खानपान: अनियमित और अस्वस्थ खानपान करना, बार-बार तले और मसालेदार खाने से बचना, बहुत तेजी से खाने से बचना आदि कई ऐसे खाने के तरीके हैं जो कब्ज की समस्या को बढ़ावा देते हैं।

• फाइबर की कमी: जब हम अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन नही करते है तो इस कारण से भी कब्ज की समस्या हो सकती है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ पेट में ठोस मल का बनने में मदद करते हैं।

• कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा: आज हम लोग आधुनिक  युग में अपने खानपान में कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन कर रहे है। इस कारण से भी कब्ज की समस्या  बढ़ रही है।

• कम व्यायाम: अधिक समय तक बैठे रहना और किसी तरह का व्यायाम न करने के कारण भी पेट संबंधी की समस्याओं और कब्ज आदि की समस्याओं को बढ़ावा मिल रहा है। 

• रोजमर्रा की जिंदगी की तनाव: जिंदगी की भागदौड़, तनाव और दबाव से भरी जिंदगी जीना से भी कब्ज की समस्या  उत्पन्न होती है। 

• दवाओं का सेवन: रासायनिक दवाओं का अधिक सेवन करने से भी पेट की समस्या हो सकती है।

• भरपूर नींद न लेना: रात में भरपूर नींद न लेना, दिन के समय सोने से कब्ज होने का खतरा बढ़ जाता है।

• चाय या कॉफी का अधिक सेवन: खाली पेट या ज्यादा चाय या कॉफ़ी पीने से भी कई बार पेट में कब्ज की समस्या हो जाती है।

• अधिक मीठा खाना: बार-बार ब्राउन ब्रेड और अधिक मिठा खाना भी कब्ज की समस्या को बढ़ा सकता है।

• तले हुए भोज्य पदार्थों का सेवन: तले हुए भोज्य पदार्थों का सेवन और चीनी से युक्त खाने से भी कई बार शरीर में दुर्लभ पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते जिससे पेट में कब्ज की समस्या हो सकती है।

• खाने के बाद पानी पीना: खाने के तुरंत बाद पानी पीने के कारण भी कई बार पेट में एसिडिटी और कब्ज की समस्या पैदा हो जाती है। 

• तेज धूप रहना: तेज धूप में ज्यादा समय तक रहने से भी कई बार कब्ज हो सकती है।

• उम्र में वृद्धि: बढ़ती उम्र के  कारण भी कब्ज की समस्या पैदा हो जाती है। 

उपरोक्त विभिन्न कारणों के चलते व्यक्ति को कब्ज (constipation) की समस्या हो सकती है और इसे नजरअंदाज न करके उचित उपचार करना आवश्यक होता है। यदि हमको लंबे समय तक यह समस्या बनी रहे, जल्द ही अपने चिकित्सक से परामर्श करना सर्वोत्तम उपाय है।

कब्ज (constipation) के क्या लक्षण है?:

कब्ज (constipation) के कारण हमारी आंत में संचयित मल को समय पर निकालने में रुकावट पैदा होती है। यह समस्या अनेक रोगों को जन्म देती है और व्यक्ति को हर प्रकार से प्रभावित करती है। यह समस्या अपने शुरुआती  चरण में होने पर नजर नही आती है। कई बार यह साधारण शुष्कता, फुर्ती और ताजगी की कमी या अन्य लक्षणों के कारण छोटी समस्याओं के रूप में शुरू होती है, लेकिन समय के साथ यह समस्या बढ़ जाती है और गंभीर रूप धारण कर लेती है कब्ज के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:

• शिशु या बच्चे में: शिशु या बच्चे में कब्ज होने के बाद डिहाइड्रेशन, खांसी, ताजगी, श्वास की तकलीफ, बार-बार पेट दर्द, भुख की कमी और उलटी के लक्षण हो सकते हैं।

• वयस्कों में: वयस्कों में कब्ज के लक्षणों में पेट में भारीपन, तकलीफ, गैस, अपान वायु रुकावट, पेट में सूजन, स्फूर्ति, मल त्यागने में तकलीफ, पेट में दर्द, खांसी, वजन में कमी और मूत्र में रुकावट हो सकती है।

• बढ़ती उम्र: बढ़ती हुई उम्र में आंतों की कार्य क्षमता में कमी आ जाती है इस कारण से कब्ज की समस्या बढ़ सकती है। इसमें मल त्यागने में दिक्कत, आंत में सूजन, अपान वायु रुकावट, मल टेढ़ापन, वजन कमी और खांसी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं।

• सप्ताह में तीन से चार बार मल त्याग करना।

• गांठदार, सख्त या एक दम सूखा हुआ मल आना।

• मल त्याग के दौरान गुदा में तनाव या दर्द होने की समस्या होना।

• मल त्याग करने के बाद भी दुवारा मल त्याग करने की ईच्छा रखना।  

• मलाशय से खून आने की समस्या उत्पन्न होना।

• लगातार पेट दर्द बने रहना।

• पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना और हमेशा ऐसा महसूस करना जैसे मानों कि गैस फंस गई  हो।

• उल्टी होना।

• बुखार महसूस करना।

• वजन कम होना।

कब्ज के लक्षण व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य, आहार और विशेष परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं। इसे नजरअंदाज न करें और समस्या के समय पर इलाज कराना उचित होता है। यदि आपको दिक्कत होती है, तो विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। 

कब्ज (constipation) से होने वाली बीमारियां क्या है?:

कब्ज या कॉन्स्टिपेशन जो अक्सर अनियमित और अस्वस्थ खानपान, कम व्यायाम और तनाव के कारण होती है। यह समस्या सिर्फ दस्त और पेट दर्द ही नहीं, बल्कि कई और गंभीर बीमारियों के लिए भी मूल कारण बन सकती है। इस ब्लॉग आर्टिकल में, हम जानेंगे कब्ज से होने वाली कुछ प्रमुख बीमारियों के बारे में और इनसे बचने के उपायों क्या है:

• गैस और एसिडिटी: कब्ज के कारण हमारी आंत में  गैस और एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इससे पेट में दर्द, बेहोशी, छाती में जलन और श्वास लेने में परेशानी महसूस होती है।

• पाइल्स (बवासीर): लंबे समय तक कब्ज रहने से पाइल्स (बवासीर) की दर्दनाक परेशानी बन जाती है। कब्ज होने से मल त्याग करने में तकलीफ होती है, जिससे गुदा क्षेत्र में खून आने की समस्या हो सकती है।

• मूत्र रोग: कब्ज से होने वाली एक बड़ी समस्या UTR यानि मूत्र रोग या मूत्र संक्रमण होता है। इससे मूत्र मार्ग में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। मूत्र रोगों में जलन, पेशाब के समय दर्द और तकलीफ होती है।

• गुर्दे की पथरी: लगातार कब्ज होने पर और पानी कम पीने से  गुर्दे में पथरी के बनने के ज्यादा चांस रहते है। गुर्दे की पथरी से पेशाब में रुकावट, दर्द और बूँद बूँद करके पेशाब आने की समस्या हो सकती है।

• एक्जिमा (चर्मरोग): कब्ज होने से शरीर में गर्मी बढ़ती है, जिससे त्वचा के कुछ हिस्सों में एलर्जी, सूखापन, खुजली और कील मुहांसे की समस्या हो जाती है।

• वजन बढ़ने की समस्या: लंबे समय तक कब्ज रहने से वजन बढ़ने और घटने की  समस्या हो जाती है। इससे शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा होने का खतरा होता है।

• आर्थराइटिस: कब्ज होने से शरीर की जोड़ों में दर्द और स्थिरता की समस्या हो सकती है। यह रोग गर्मी की वजह से होता है जोकि कब्ज से होती है।

मस्तिष्क संबंधी समस्याएं: कब्ज होने से मस्तिष्क भी  प्रभावित होता है। जिससे सर मे चक्कर आने की समस्या उत्पन्न होती है।

• असामान्य धार्मिक समस्याएं: कई बार कब्ज होने से महिलाओं में धार्मिक समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे असामान्य धर्म आना और दर्द होना।

• दिल संबंधी रोग: बढ़ी हुई कब्ज से हार्ट अटैक और दिल संबंधी अन्य बीमारियों की समस्या हो सकती है।

• भयानक तनाव: कब्ज के कारण व्यक्ति तनाव  महसूस होता है जो मानसिक समस्याओं का कारण बनता है।

• उच्च रक्तचाप: कब्ज होने से रक्तचाप बढ़ सकता है, जो विभिन्न सामान्य और गंभीर रोगों का कारण बन सकता है।

• खराब त्वचा: लंबे समय तक कब्ज होने से त्वचा के रंग में बदलाव और खराबी हो सकती है।

• रहन-सहन की समस्या: कब्ज के कारण रहन-सहन भी प्रभावित होता है। जिससे हमारी दिनचर्या पर गहरा असर पड़ता है।

कब्ज से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है स्वस्थ खानपान और नियमित व्यायाम करना। साथ ही पर्याप्त पानी पीना, समय-समय पर शौच करना, फल और सब्जी खाना, अधिक फाइबर वाले आहार का सेवन करना, तनाव को कम करना, भरपूर नींद लेना और तंबाकू और शराब के सेवन से बचना भी जरूरी है। यदि कब्ज की समस्या बहुत बढ़ जाए और घरेलू उपाय से ठीक न हो, तो चिकित्सक से संपर्क करना सही होगा।

कब्ज (constipation) की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार  क्या है?: 

शब्द “कब्ज” या “कब्ज़ी” का अर्थ है जिस्म से अपान वायु के साथ मल निकलने में बाधा होना। यह एक आम समस्या है जिसमें व्यक्ति को मल त्याग करने में तकलीफ होती है। कब्ज के लक्षण में मल त्याग के दौरान कठोरता और तकलीफ होना, मल का ठीक से खुल ना पाना, अनियमित मल त्याग, पेट में गैस या उदरवज्री, पेट का भारीपन, पेट में दर्द, अपेटाइट की कमी आदि शामिल होते हैं। कब्ज के कारण अनियमित खाने पिने की आदतें, पानी की कमी, फाइबर की कमी, बेहतर दिनचर्या ना होना या रोगों के कारण हो सकते हैं।

कब्ज के लिए हमारे आसपास में कई आयुर्वेदिक उपचार मौजूद है, यहां हम आपको कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में बता रहे हैं, जो कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

• त्रिफला: त्रिफला एक प्रमुख आयुर्वेदिक उपाय है जो कब्ज को दूर करने में मदद करता है। इसमें ऐसे गुण होते हैं जो पाचन को सुधारते हैं और अपच को दूर करते हैं। त्रिफला को रात्रि को सोने से पहले गर्म पानी के साथ सेवन करना कब्ज के रोग में फायदेमंद होता है।

• आंवला: आंवला में विटामिन सी की अधिक मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करती है। आंवला का रस नियमित रूप से सेवन करना कब्ज को दूर करने में सहायक होता है।

• हरीतकी: हरीतकी कब्ज के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसे दूध के साथ सेवन करना भी फायदेमंद होता है।

• पानी: पानी पेट की सफाई के लिए पानी बहुत महत्वपूर्ण होता है। यदि आपको कब्ज की समस्या है तो आपको दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए।

• गुड़ या शक्कर: गुड़ या शक्कर कब्ज को दूर करने में मदद करती है। रात्रि को सोने से पहले दूध के साथ थोड़ी सी मात्रा मे गुड़ या शक्कर खाने से पाचन तंत्र सुधरता है और कब्ज की बीमारी में राहत मिलती है।

• तुलसी: तुलसी के पत्ते का नियमित रूप से सेवन करने पर कब्ज की समस्या दूर होती है। तुलसी का रस या काढ़ा बनाकर सेवन करना भी कब्ज में फायदेमंद होता है।

• योग और व्यायाम: योग और व्यायाम करने से भी कब्ज से राहत मिलती है। कुछ योगासन और व्यायाम जैसे पस्चिमोत्तानासन, पवनमुक्तासन, वज्रासन, धनुरासन आदि कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं।

• आहार: स्वस्थ आहार का सेवन करना भी कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है। जैसे फल, सब्जियां, दालें, अनाज, प्रोटीन युक्त आहार खाना कब्ज के लिए बेहतर होता हैं।

ऊपर दिए गए कुछ आयुर्वेदिक उपचार जो कब्ज को दूर करने में मदद कर सकते हैं। यदि आपको लंबे समय से कब्ज की समस्या है या आपको लगातार  कब्ज हो रही है, तो आपको एक विशेषज्ञ आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

कब्ज (Constipation) की बीमारी में बचाव और सावधानियां क्या है?: 

कब्ज की समस्या से स्त्री और पुरुष दोनों  ही प्रभावित हो सकते है। कब्ज के कारण पेट में तकलीफ, तनाव, बुरे खाने पीने की आदतें, नियमित व्यायाम न करने और पर्याप्त पानी की कमी आदि शामिल है। कब्ज से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय कारगर साबित हो सकते हैं:

• फाइबर से भरपूर आहार: फल, सब्जी, अनाज, दालें और नट्स जैसे फाइबर समृद्ध आहार का सेवन करें। फाइबर खाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और कब्ज की समस्या से निजात मिलती है। 

• पानी का प्रतिदिन समय-समय पर सेवन: रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं ताकि शरीर में विषाक्त पदार्थ बाहर निकल सकें और आंत की सफाई हो सके।

• व्यायाम करें: योग, ध्यान, व्यायाम या दैनिक व्यायाम का समय-समय पर सेवन करना शरीर को स्वस्थ रखता है और कब्ज से बचने में मदद करता है। 

• समय पर भोजन:  समय पर भोजन करने से पाचन सुचारू रूप से होता है और कब्ज की समस्या नहीं होती है।

• विश्राम और तनाव कम करें: अपने दैनिक जीवन में समय- समय पर विश्राम लें और तनाव को कम करने के लिए योग, मेडिटेशन, ध्यान या प्राकृतिक उपाय का प्रयोग करें।

• समय पर शौच करें: समय पर शौच करने से आंत की सफाई होती है और कब्ज की समस्या समाप्त होती है। 

• अधिक फाइबर और रासायनिक की दवाइयों का सेवन करें: यदि आवश्यकता हो तो आप अधिक फाइबर और रासायनिक दवाइयों का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसके  लिए आपको अपने डॉक्टर की सलाह  लेना जरूरी है।

• तंबाकू और शराब का सेवन न करें: तंबाकू और शराब के सेवन से कब्ज में और अधिक परेशानी हो सकती है, इसलिए इनके सेवन से बचें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें।

• अपने डॉक्टर से परामर्श करें: यदि कब्ज की समस्या बढ़ जाए या घरेलू उपाय से ठीक न हो, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह लें।

• आयुर्वेदिक उपचार: आयुर्वेद में कई दवाइयां और जड़ी-बूटियां हैं जो कब्ज से राहत प्रदान कर सकती हैं। इन्हें डॉक्टर की सलाह के साथ उपयोग करें।

हम कब्ज से बचाव के लिए उपरोक्त उपाय अपनाकर कब्ज की समस्या से राहत पा सकते हैं और स्वस्थ और सकारात्मक जीवन जी सकते हैं। ध्यान रखें कि यदि आपकी समस्या गंभीर है या लंबे समय से चली आ रही है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना अति आवश्यक है।

एसपी सिंह चंद्रमा

एसपी सिंह चंद्रमा

अधिकतर मेरे लेख अपने आरोग्य को सुधारने, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के अद्भुत फायदों पर आधारित होते हैं। मेरा उद्देश्य सामान्य लोगों को स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है और उन्हें शक्तिशाली आयुर्वेदिक उपचार और उपायों से अवगत कराना है। मेरे लेखों में आपको विशेषज्ञ सलाह और नैतिकता के साथ विश्वसनीय जानकारी मिलेगी जो आपके रोगों को दूर करने में मदद करेगी और आपको स्वस्थ और प्रकृति से समृद्ध जीवन जीने में सहायता करेगी। धन्यवाद।

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