iHerb WW
Search
Close this search box.

तुलसी (Basil) का पौधा है बहुत काम की चीज, इसके हमारे दैनिक जीवन में होते है बहुत फायदे:

Healthkart [CPS] IN

आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में तुलसी के पौधे के फायदे और नुकसान के संबध में जानकारी देने का प्रयास करेंगे, तो चलिए जानते है, तुलसी के क्या फायदे और नुकसान क्या है:

<तुलसी भारत के लगभग हर घर में मौजूद होती है। हमारे हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे के लिए बहुत सी धार्मिक मान्यता होती है, वहीं तुसली का कई बीमारियों के इलाज में भी प्रयोग होता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा विद्यमान होता है, उस घर में बैक्टीरिया और जीवाणु का प्रवेश नहीं होता है। तुलसी के लिए एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट में यह बताया गया है कि तुलसी के अंदर तनाव रहित (एंटीस्ट्रेस) गुण होते हैं, जो तनाव से राहत दिलवाने में हमारी मदद कर सकते है। तुलसी के पत्तों के सेवन से हमारे शरीर में कॉर्टिसोल हॉर्मोन की मात्रा को नियंत्रित करने के गुण होते है यह हार्मोन एक तरह से स्ट्रेस हार्मोन होता है। तुलसी की चाय का लगातार सेवन करने से कुछ हद तक तनाव कम किया जा सकता है। वहीं, तुलसी के अन्य मानसिक फायदे जैसे एंटीडिप्रेसेंट और याददाश्त को बेहतर करने में भी सहायक होते है।

तुलसी (Basil) के इस्तेमाल से क्या फायदे हो सकते हैं:

• मानसिक तनाव के लिए फायदेमंद: मानसिक तनाव आजकल व्यक्ति के जीवन में एक आम समस्या बन गई है। इस तनाव के निदान के लिए लोग कई तरह की थेरेपी आदि का प्रयोग करते है। लेकिन इस तनाव मे कोई खास राहत नही मिलती है। तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करके हम लोग इस तनाव जैसी बीमारी से छुटकारा पा सकते है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट से ज्ञात हुआ है कि तुलसी में एंटीस्ट्रेस गुण होते हैं, जो स्ट्रेस से आराम दिलवाने में मदद कर सकते है। तुलसी के पत्ते हमारे शरीर में कॉर्टिसोल हॉर्मोन की मात्रा को नियंत्रित करते है। तुलसी की चाय के सेवन  से तनाव को कुछ हद तक कम कर, ताजगी महसूस की जा सकती है। वहीं, तुलसी के अन्य फायदे जैसे एंटीडिप्रेसेंट गुण और याददाश्त बेहतर करने में भी सहायक होते है।

• रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए:  तुलसी के नियमित से सेवन से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। तुसली के अंदर पाए जाने वाले इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण रोगों से लड़ने की क्षमता को बेहतर बनाते है। इस कारण से हमारा इम्यून सिस्टम की कार्यप्रणाली बेहतर होती है। इसके अलावा तुलसी के अन्य गुणों से अस्थमा जैसी बीमारी के उपचार में मदद मिलती है। वहीं, तुलसी से सर्दी, जुखाम, बुखार आदि जैसी समस्याओं में आराम मिलता है।

• वजन कम करने में सहायक: तुलसी का सेवन हमारे  शरीर के बढ़े हुए वजन को कम करने में सहायक होता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि नियमित तुलसी के सेवन से मोटावे से ग्रस्त लोगों का वजन नियंत्रित होने लगता है।  इंडियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल बायोकेमिस्ट्री के द्वारा किए गए शोध के अनुसार यह कहा जा सकता है कि तुलसी रस पूरे शरीर के वजन, बीएमआई और शरीर में इन्सुलिन को नियंत्रित करने में मददगार होते है। इसी के साथ तुलसी के सेवन से हमारे शरीर के टॉक्सिक शरीर से बाहर निकालते है।

• मुंह के रोगों के लिए: तुलसी का सेवन हम पत्तों और इसके रस के रूप में कर सकते है। तुलसी का सेवन मुंह के रोगों को ठीक करने के लिए जा सकता है। इसके अंदर पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल गुण हमारे मुंह से आने वाली बदबू, पायरिया और मसूड़ों से जुड़ी अन्य बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। तुलसी के रस से हम कुल्ला कर सकते है। इसको  प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर भी कहा जाता है। 

• आंखों के लिए फायदेमंद:  तुलसी रस का रस कंजंक्टिवाइटिस (आंखों में एक प्रकार का इन्फेक्शन, जिस कारण आंखों में जलन और सूजन होती है) रोग से पीड़ित रोगी के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। आंखों के लिए भी तुलसी के पत्ते का उपयोग किया जा सकता है। इसका सेवन हमको आंखो में होने वाले रोग से बचा सकता है।

• सिरदर्द के दर्द को कम करने में सहायक:  तुलसी के पत्ते खाने से हम अपने सिरदर्द के दर्द में आराम पा सकते है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित शोध में यह पाया गया है कि तुलसी के अंदर पाए जाने वाले गुण हमारे सिर के दर्द को कम करने में सहायक होते है।

• हृदय रोग को ठीक करने में मददगार: तुलसी के रस को पीने से ह्रदय संबधी रोगों का नाश होता है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी में कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। इन गुणों के कारण ही तुलसी दिल को स्वस्थ रख कर, हृदय रोग को दूर करने में सहायक होती है।

• गले की खराश में राहत दिलवाए: तुलसी के सेवन से हम अपने गले की खराश को ठीक कर सकते है। वैसे हम तुलसी का उपयोग सदियों से गले को स्वस्थ रखने के लिए करते हुए आए है। इसके पीछे की वजह है इसके अंदर पाए जाने वाला एंटीबैक्टीरिया गुण, जो गले के बैक्टीरिया को मारते है। आजकल तुलसी का आयुर्वेदिक कफ सिरप बनाने में भी उपयोग किया जा रहा है। यह फेफड़ों में जमे कफ को बाहर निकालने में भी सहायक होता है।

• कैंसर की बीमारी में तुलसी का सेवन: कैंसर की बीमारी में अधिक लाभ लेने के लिए हम लोग तुलसी का सेवन कर सकते है। तुलसी का रस  कैंसर के जोखिम को कम करने में मददगार होता है। शोधकर्ताओं का मत है कि तुलसी के रस में रेडियोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते है, जो शरीर में पैदा होने वाले ट्यूमर सेल्स को समाप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त तुलसी में यूजेनॉल भी पाया जाता है, जिसमें एंटीकैंसर गुण उपलब्ध होते हैं। तुलसी में रोसमारिनिक एसिड, एपिगेनिन, ल्यूटोलिन, माय्रटेनल जैसे जरूरी फाइटोकेमिकल्स भी होते है जो  विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में हमारी और आपकी मदद करते है।

डायबिटीज की बीमारी के लिए: हम लोग तुलसी का सेवन डायबिटीज (मधुमेह) की बीमारी में कर सकते है। इसमें पाए जाने वाला एंटी -डायबिटिक गुणों के कारण बीमारी में यह बहुत फायदेमंद होती है। इसका सेवन सुबह के समय नियमित रूप में करने से डायबिटीज (मधुमेह) को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, तुलसी में हाइपोग्लाइसेमिक गुण भी पाए जाते है। जो हमारे शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते है। 

• कब्ज की बीमारी राहत दिलाए:  तुलसी का सेवन करने से हमको पेट से जुड़ी कई समस्याओं में राहत मिल सकती है। तुलसी के बीजों का सेवन करने से  कब्ज की बीमारी ठीक हो सकती है। कब्ज की लिए हमको एक गिलास गुनगुने पानी के साथ 2 ग्राम तुलसी के बीज का सेवन करना चाहिए। तुलसी के पत्तों का सेवन भी हमारे पेट से जुड़े अन्य रोगों जैसे अपच और अल्सर में राहत दिला सकता है।

• लिवर के रोग में आराम दिलाए:  तुलसी का सेवन लिवर के रोग में बहुत फायदा दिलाता है। वैज्ञानिक शोधों में पाया गया है कि तुलसी में हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण पाए गए थे। इन्हीं हेपेटोप्रोटेक्टिव गुणों के कारण हमने अपने लिवर को नुकसान होने से बचा सकते है। इसके सेवन से हमारे लिवर की सूजन आदि बीमारियां समाप्त हो जाती है।

• शरीर से सूजन को कम करने में सहायक: तुलसी का नियमित सेवन हमारे शरीर से सूजन को कम करने में सहायक होता है। तुलसी में मौजूद एक खास अर्सोलिक एसिड पाया जाता है। इस एसिड के संबध में बताया जाता है कि इस एसिड में एंटीइन्फ्लामेट्री गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में उपयोगी होते है।  इन्हीं गुणों के कारण हम इन्फ्लामेट्री डिजीज जैसे एलर्जी, अस्थमा, टिश्यू में सूजन आदि से छुटकारा पा सकते है।

• ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित करे: हम तुलसी के सेवन से ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रित कर सकते है। तुसली हमारे की रक्त वाहिकाओं की कार्यप्रणाली को बेहतर करने में मददगार होती हैं। तुलसी में वैस्क्युलर प्रोटेक्शन गुण विद्यमान होते हैं। इसलिए हम अपनी रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रख सकते है और अपने खून को गाढ़ा होने से बचा सकते है। तुसली गाढ़े खून को पतला करके, स्ट्रोक होने के खतरे को कम सकती है। तुलसी का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

• हेल्दी त्वचा: तुलसी का सेवन हमारी त्वचा को हेल्दी बनाए रखने में सहायक होता है। तुलसी के द्वारा त्वचा को जुर्रियां को कम किया जा सकता है  नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट पाया गया है कि  तुलसी के एसेंशियल ऑयल की मदद से एक्ने की समस्या को कम किया जा सकता है। वहीं, इसके सेवन से त्वचा से जुड़ी अन्य गंभीर समस्या जैसे एक्जिमा (त्वचा पर लाल और खुजलीदार चकत्ते) आदि में राहत मिल सकती है।

तुलसी (Basil) का सेवन कैसे करें:

अनेकों बीमारियों में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता रहा है। यह इस्तेमाल तुलसी की चाय और काढ़े आदि के रूप में होता रह है। तुलसी का सेवन निम्न प्रकार किया जा सकता है: 

• खाली पेट तुसली का सेवन: एक स्वास्थ्य इंसान को भी रोजाना सुबह खाली पेट तुलसी की पत्तियों को चबाकर सेवन करना चाहिए है। इसके लगातार सेवन से हमारा शरीर निरोगी बना रहता है।

• हर्बल चाय के रूप में सेवन: तुलसी के पत्तों को अदरक व शहद के साथ मिलाकर हर्बल चाय बनाई जा सकती है। यह हर्बल चाय हमारी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। 

• सब्जी के रूप में सेवन: तुलसी का सेवन हम डिश के रूप में भी कर सकते है डिश जैसे टमाटर की चटनी में तुलसी का इस्तेमाल, तुसली फ्लेवर दही वाला रायता, इन सभी डिश में इनका सेवन करने से इसका स्वाद भी बढ़ जाता है और आपको जरूरी पोषक तत्व भी मिल जाते है।

तुलसी (Basil) के सेवन के कुछ नुकसान भी हो सकते है:  

आयुर्वेद भी कहता है कि हर चीज का सेवन अपनी सेहत और परिस्थितियों के अनुसार तथा सीमित मात्रा में करना चाहिए, तभी उस चीज का लाभ मिल सकता  है। यदि कोई चीज फायदेमंद हो सकती है तो उसके कुछ नुकसान भी हो सकते है। इस तरह से हम तुसली के नुकसान क्या है इसके संबध में जानकारी देने का प्रयास करेंगे, तो चलिए तुसली के क्या नुकसान है:

• स्पर्म छमता कम होना: तुसली के अधिक सेवन से आपकी स्पर्म छमता भी कम हो सकती है। ऐसा माना गया है लेकिन इस बात का अभी कोई पुख्ता शोध उपलब्ध नहीं है।

• खून को पतला करना: तुलसी का अधिक मात्रा में सेवन करने से हमारा खून पतला हो सकता है। तुलसी हमारे शरीर में रक्त के थक्के बनने से रोक सकती है। जो लोग मधुमेह की दवा का सेवन कर रहे है। उन लोगों को तुलसी का अधिक और लंबे समय तक सेवन नही करना चाहिए।

• ऑनलाइन तुलसी रस खरीदें: आजकल मेडिकल स्टोर पर तुलसी रस तुलसी, हर्बल चाय, तुलसी कैप्सूल, तुलसी टैबलेट और तुसली पांच रस आदि दवाएं उपलब्ध है। आप अपनी इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए ऑनलाइन बैद्यनाथ पांच तुसली ड्रॉप्स इम्यूनिटी बूस्टर का प्रयोग कर सकते है। इससे आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी और कई रोगों में लाभ मिलेगा।

 

 

एसपी सिंह चंद्रमा

एसपी सिंह चंद्रमा

अधिकतर मेरे लेख अपने आरोग्य को सुधारने, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के अद्भुत फायदों पर आधारित होते हैं। मेरा उद्देश्य सामान्य लोगों को स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है और उन्हें शक्तिशाली आयुर्वेदिक उपचार और उपायों से अवगत कराना है। मेरे लेखों में आपको विशेषज्ञ सलाह और नैतिकता के साथ विश्वसनीय जानकारी मिलेगी जो आपके रोगों को दूर करने में मदद करेगी और आपको स्वस्थ और प्रकृति से समृद्ध जीवन जीने में सहायता करेगी। धन्यवाद।

Oziva [CPS] IN

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Oziva [CPS] IN
Kapiva [CPS] IN