iHerb WW
Search
Close this search box.

कम उम्र में सफेद बाल होने के कारण और इसका आयुर्वेदिक उपचार, बचाव एव सावधानियां:

Healthkart [CPS] IN

आज हम इस इस ब्लॉग पोस्ट में आपको कम उम्र में सफेद बाल होने के कारण और इसका आयुर्वेदिक उपचार, बचाव एव सावधानियों के संबध में जानकारी देने का प्रयास करेंगे, इस जानकारी से आप लाभ लेकर अपने बालों को सफेद होने से बचा सकते है। तो जानते है कि “कम उम्र में बाल सफेद (white hair) क्यों होते है?”:

आजकल हम देख रहे है कि कम उम्र में बाल सफेद (white hair) होना एक आम समस्या हो गई है। अधिकार युवाओं के बहुत कम उम्र बाल सफेद होने लगे हैं। 35 साल की उम्र आते-आते अधिकांश युवाओं की सर और दाढ़ी में बाल सफेद दिखने लगे है। यदि देखा जाए तो कम उम्र में बाल सफेद होने के पीछे  कई कारण है। सबसे पहला कारण है कि जेनेटिक (blood relation) यानी अगर आपके परिवार में पूर्व में माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी को यह बीमारी है तो हमारे भी बाल सफेद होने के चांस ज्यादा है। मेडिकल भाषा में बालों के सफेद होने की प्रक्रिया को “कैनिटाइस” कहते हैं। आजकल यह समस्या महिला और पुरुष दोनों में ही देखने को मिलती है। पुरुषों में सफेद वालों की समस्या हमारी कलमों से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरे सिर पर होने लगती है, वहीं महिलाओं में यह समस्या सिर के बीच से प्रारंभ होती है। उसके बाद यह समस्या पूरे सिर में फेल जाती है। एक अध्यन के अनुसार कम उम्र में बाल सफेद होने के सबसे बड़ा कारण हमारी जीवन शैली और हमारा खानपान है। व्यक्ति अधिकांश मामले में कम उम्र में सफेद बाल के लिए स्वम ही जिम्मेदार होता है। अपने बालों को कम उम्र में सफेद होने से रोकने के लिए यह जानना जरूरी है कि बाल सफेद क्यों होते हैं। इसके पीछे क्या कारण होते है।

कम उम्र में बाल सफेद होने का प्रमुख कारण मेलेनिन होता है। मेलेनिन हमारे शरीर में एक (रंगद्रव्य) पदार्थ होता है जो हमारी आंख, त्वचा और बालों के रंग को बनाता है। शरीर में मेलेनिन की मात्रा जितनी अधिक होगी, शरीर की त्वचा, बाल और आँखें उतनी ही गहरी होंगी। मेलेनिन के कारण ही हमारे बालों का रंग काला होता है। जब हमारे शरीर में मेलेनिन कम बनने लगे या मेलेनिन की मात्रा में कमी होने लगे तो बालों का रंग भी सफेद होने लगता है।  इस तरह से हमारे शरीर में जितना अधिक मेलेनिन रहेगा, बालों का रंग उतना ही गहरा और काला रहेगा। मेलेनिन से हमको सूरज से निकलने वाले हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से सुरक्षा मिलती है। 

कम उम्र (age) में सफेद बाल होने के क्या कारण है?:

अब हम आपको “कम उम्र में बाल सफेद होने के क्या कारण है” इस संबध में जानकारी देने का प्रयास करेंगे। एक शौध से ज्ञात हुआ है कि यूरोपीए देशों में 22 की आयु से पहले, एशिया में 23 और अफ्रीका के लोगों में 32 से पहले बाल सफेद होने लगते हैं तो इस पैरामीटर पर उम्र से पहले बालों के सफेद होना माना जाता है। कम उम्र हमारे सफेद बाल होने के अनेकों कारण है जैसे हार्मोनल बदलाब और आसपास का वातावरण में होने वाला प्रदूषण भी हो सकते है। वैसे तो हमारे बालों का समय से पहले सफेद होने का कोई सटीक कारण नहीं है, लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियां जरूर हैं, जिसके कारण समय से पहले सफेद बालों की समस्या को जोड़कर देखा जा सकता है। इसके कुछ कारण निम्नवत: है:

• डाउन सिंड्रोम (Down syndrome): यह बीमारी एक आनुवंशिक बीमारी है। इसके चलते हमारा चेहरा और नाक चपटी हो जाती है और हमारी गर्दन छोटी हो जाती है। इसके साथ ही मानसिक विकार और बालों का रंग सफेद होने लगता है।

• आनुवंशिक कारक: यदि हमारे परिवार में पहले माता-पिता या परिवार के किसी पीढ़ी में सफेद बालों की समस्या रही हो। इस तरह समय समस्या भविष्य में रह सकती है।

• सही देखभाल: बालों की सही तरह से देखभाल न होना बालों को सफेद कर सकती है, जैसे कि अधिक मात्रा में शैम्पू का इस्तेमाल करना, बालों को गरम पानी से धोना, बालों को सुखाने के लिए गरम हवा का उपयोग करना, आदि।

• हाइपोथायरायडिज्म: हाइपोथायरायडिज्म इस स्थिति में शरीर में थायराइड हार्मोन के स्तर में कमी हो जाती है। हाइपोथायरायडिज्म की समस्या से ग्रस्त लोगों में समय से पहले बालों के सफेद होने की संभावना अधिक होती है।

वातायन, पित्तायन और कफायन दोष: आयुर्वेद विज्ञान में माना जाता है कि जब हमारे शरीर के वातायन, पित्तायन और कफायन दोष के असंतुलन से भी बाल सफेद हो सकते हैं।

• प्रोटीन की कमी: हमारे शरीर में क्रॉशिअकोर, नेफ्रोसिस, सीलिएक आदि रोगों के चलते शरीर में प्रोटीन कमी हो जाती है। इसी कारण से कम उम्र में सफेद बाल होने प्रारंभ हो जाते हैं।

• वॉन रेकलिंगज़ोन रोग (न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस) von Recklinghausen’s disease (neurofibromatosis) : बीमारी एक आनुवंशिक बीमारी है, इस बीमारी में ट्यूमर बनने लगता है। इसके  साथ ही हड्डियों और त्वचा का असामान्य विकास होना भी प्रारंभ हो जाता है। 

• केमिकल और उपायों का प्रयोग: जब हम अपने बालों में लगातार केमिकल उक्त पदार्थ जैसे डाई आदि से अपने बालों को काला करते है, तो इस कारण से भी हमारे बाल सफेद हो जाते है। 

• वर्नर सिंड्रोम (werner syndrome):  वर्नर सिंड्रोम एक आनुवंशिक बीमारी है। इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति की त्वचा में परिवर्तन, किशोर मोतियाबिंद (छोटे बच्चों में मोतियाबिंद), बोना कद और समय से पहले बूढ़ा (old age) होने की संभावना प्रबल हो जाती है।

• मिनरल्स की कमी: जब हमारे शरीर में आयरन और कॉपर जैसे मिनरल्स की कमी हो जाती है तो इस कारण से भी कम उम्र में हमारे बाल सफेद हो जाते हैं।

• मेडिकल कौमोर्बिडिटीज: कुछ मेडिकल कौमोर्बिडिटीज जैसे कि शुगर, थायराइड, आदि के कारण भी बाल सफेद हो सकते हैं।

• विटामिन की कमी: हमारे शरीर में विटामिन बी 12, फोलिक एसिड, कॉपर, जिंक और बाकी आवश्यक मिनरल्स की कमी के कारण भी कम उम्र में ही सफेद बाल होने की समस्या हो सकती है।

• बालों में रूसी होना: बालों में रूसी होने से भी बालों का रंग बदल सकता है।

• विटिलिगो(vitiligo): जब हमारे शरीर में कुछ मामलों में देखा गया है कि शरीर की रोगप्रतिरोधक प्रणाली अपने खुद के मेलानोसाइट्स (melanocytes) पर हमला कर देती है। जिसके चलते भी हमारे बाल सफेद होने की संभावना है।

• दवाएं (medicines): कुछ रासायनिक दवाओं के सायडिफेक्ट के कारण भी हमारे बाल सफेद होने लगते है जैसे: क्लोरोक्वीन (मलेरिया के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा), ट्राइपरानॉल (कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाली दवा), फेनिलथियोरिया (डीएनए परीक्षण में प्रयुक्त) और डिक्सीजरीन (कुछ मनोरोगों के इलाज के लिए) आदि दवा।

• तनाव (stress): शोध और अध्ययनों से पता चला है कि तनाव stress के वक्त बनने वाले हार्मोन (एड्रेनालाईन, कोर्टिसोल) मेलानोसाइट हार्मोंस हमारी कोशिकाओं को प्रभावित करते है, इस कारण से भी हमारे बाल सफेद होने लगते हैं।

कम उम्र में हुए सफेद बालों का आयुर्वेदिक उपचार:

कम उम्र में सफेद बाल आमतौर पर वात, पित्त, और कफ दोष के असंतुलन के कारण होते हैं। यहां कुछ आयुर्वेदिक उपाय दिए गए हैं जिनका उपयोग करके हम सफेद बालों को फिर से काला कर सकते हैं:

• ब्रह्मी आवला तेल: ब्रह्मी और आवला के तेल की बालों में मालिश करने से बालों का सफेद होना कम हो सकता है।

• ब्राह्मी बूटी: ब्राह्मी बूटी से युक्त तेलों को बालों में लगाने से बालों का रंग फिर से बदल सकता है।

• भृंगराज तेल: भृंगराज तेल की बालों में मालिश करने से बालों की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

• अमला: अमला बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसे खाने से बालों का सफेद होना कम हो सकता है।

• केशी तेल: केशी के तेल का प्रयोग करने से हम अपने बालों के स्वास्थ्य में सुधार सकते हैं।

• शिकाकाई:  शिकाकाई का बालों में इस्तेमाल करने से बालों को मजबूती मिल सकती है।

• आंवला: आंवला का प्रयोग बालों को प्राकृतिक रूप से काला कर सकता है।

• मेथी दाना: मेथी दाना पीसकर बालों में लगाने से बालों का सफेद होना कम हो सकता है।

• नीम और नीम तेल: नीम और नीम तेल की बालों में मालिश करने से बालों का सफेद होना कम हो सकता है।

• अनुलोम-विलोम प्राणायाम: अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने से शरीर में वात पित्त संतुलित होते है  और इससे बालों का सफेद होना कम हो सकता है।

• ध्यान और योग: ध्यान और योग करने से भी हमारे शरीर के दोषों में संतुलन होता है और बालों का सफेद होना कम होता है।

• त्रिफला: त्रिफला का सेवन करने से बालों का सफेद होना कम हो सकता है।

• योगासन: शिर्षासन और सर्वांगासन जैसे योगासन करने से बालों के लिए खून का संचालना बेहतर होती है और इस कारण से हमारे बालों का सफेद होना कम होता है।

• अवसाद से बचाव: हमको अवसाद से बचाव करना चाहिए, अवसाद बालों के सफेद होने का प्रमुख कारण होता है।

• सत्त्विक आहार का सेवन: सत्त्विक आहार में पूरे आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिनसे बालों का सफेद होना कम हो सकता है।

• ब्राह्मी और आमला का सेवन:  ब्राह्मी और आमला के सेवन से हमारे बालों की गुणवत्ता में सुधार होता है। और हमारे बाल सफेद होने से रुकते है। 

• ब्राह्मणी घृत: ब्राह्मणी घृत खाने से बालों का सफेद होना कम होता है।

• भृंगराज और आमला तेल की मालिश: भृंगराज और आमला तेल से बालों की मालिश करने से उनके पिगमेंटेशन को बढ़ावा मिलता है।

• केश्या औषधियां:  केश्या औषधियां बालों को पोषण प्रदान करती हैं और सफेद होने से रोकती हैं।

• त्रिपला और त्रिकटु चूर्ण: त्रिपला और त्रिकटु चूर्ण का सेवन करने से बालों के गुणवत्ता में सुधार होता है।

• खादिरारिष्ट: खादिरारिष्ट बालों के सफेद होने को कम करने में मदद करता है।

• अमलकी औषधियां: अमलकी से बालों के पिगमेंटेशन को बढ़ावा मिलता है और उन्हें सफेद होने से बचाता है।

• अश्वगंधा और शतावरी: अश्वगंधा और शतावरी बालों की मात्रा को बनाए रखने में मदद करते हैं और उन्हें सफेद होने से बचाते हैं।

• सितोपलादि चूर्ण: सितोपलादि चूर्ण बालों के सफेद होने से रोकता है और उन्हें स्वस्थ रखता है।

• ब्रह्मी रसायन: ब्रह्मी रसायन का सेवन करने से बालों की मात्रा बनी रहती है और उन्हें सफेद होने से बचाती है।

• नवायस लौह: नवायस लौह का सेवन करने से बालों का पिगमेंटेशन बढ़ता है और सफेद होने से बचाता है।

• खादिरादि वटी:  खादिरादि वटी बालों के सफेद होने को कम करने में मदद करती है।

• ब्राह्मी बुटी:  ब्राह्मी बुटी का सेवन करने से बालों के पिगमेंटेशन में सुधार होता है और उन्हें सफेद होने से बचाता है।

• रीठा और कपूर: रीठा को कपूर में मिलाकर सिर के बालों में लगाने से सफेद बाल कम होते है और सफेद वालों के पुनः काले बालों मे बदलने के चांस ज्यादा रहते है।

यह थे कुछ आयुर्वेदिक उपचार विधियां जो कम उम्र में सफेद बालों को कम करने में मदद कर सकती हैं। ध्यान दें कि यह सुझाव केवल आम जानकारी के लिए हैं और आपको किसी विशेष रोग के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

कम उम्र में हुए सफेद बालों को रोकने के लिए बचाव और सावधानियां:

हम अपने बालों को सफेद होने से रोक सकते है यहां हम कम उम्र में सफेद बालों को रोकने के लिए निम्नलिखित बचाव और सावधानियों को बता रहे है आप हम उक्त बचाव और सावधानियों का पालन कर सकते हैं:

• सही आहार: पोषणयुक्त आहार खाना बहुत महत्वपूर्ण है। सफेद बालों को रोकने के लिए प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, और फाइबर समृद्ध आहार अवश्य खाएं।

• हेयर केयर की सही देखभाल: हमको सफेद बाल की समस्या से निजात हेतु अपने बालों की सही तरीके से  देखभाल करनी चाहिए। जैसे उपयुक्त शैम्पू और कंडीशनर उपयोग करें और बालों को नियमित तौर पर मालिश करें।

• संतुलित जीवनशैली: योग, प्राणायाम और ध्यान की प्रैक्टिस करने से तनाव कम होता है और इससे बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।

• भरपूर नींद: इस समस्या के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भरपूर नींद लेने से शरीर के सार्विक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है।

• स्ट्रेस कम करें: तनाव और चिंता से बचाव के लिए विभिन्न रिलैक्सेशन तकनीकों का प्रयोग करें, जैसे कि मेडिटेशन और योग।

• जुड़वां बालों को काटने से बचें: जुड़वां बालों को काटने से बचें, क्योंकि यह सफेद बालों को बढ़ावा दे सकते है।

• तेज धूप और सूर्य की रोशनी से बचें: अत्यधिक सूर्य की किरणों से बचने के लिए अपने सिर को ढककर रखें और तेज धूप होने पर बाहर न निकलें।

• नींबू और आमला का सेवन: नींबू और आमला विटामिन सी से भरपूर होते हैं जो बालों को पिगमेंटेशन के खिलाफ रक्षा करते हैं।

• पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें:  हमको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए है। इससे हमारी त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।

• स्थिर रहें और शांत रहें: दिनभर में कुछ समय के लिए अपने मन को शांत करने का प्रयास करें, जैसे कि मेडिटेशन करना या प्रकृति में समय जरूर बताएं।

• उचित ट्रीटमेंट: यदि आपके बालों के सफेद होने की समस्या बढ़ जाती है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और वे उपयुक्त उपचार प्रारंभ करना चाहिए। 

• नेचुरल और आयुर्वेदिक उपाय: नेचुरल और आयुर्वेदिक उपायों का प्रयोग करके बालों के सफेद होने की समस्या को नियंत्रित करने का प्रयास करें।

• उचित हेयर केयर प्रोडक्ट्स: उचित और प्राकृतिक हेयर केयर प्रोडक्ट्स का प्रयोग करें जो बालों की सेहत को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते है। 

• अच्छी तरह से मालिश करें:  बालों को अच्छी तरह से मालिश करने से उन्हें पोषण मिलता है और वे स्वस्थ रहते हैं।

• दिनचर्या का पालन: आपकी दिनचर्या में नियमित व्यायाम, सही आहार और पर्याप्त नींद शामिल करने से बालों के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

यदि आप बचाव और सावधानियों का पालन करते हैं, तो आप कम उम्र में सफेद बालों की समस्या से बच सकते हैं। स्वास्थ्य देखभाल के लिए डॉक्टर से सलाह प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।

एसपी सिंह चंद्रमा

एसपी सिंह चंद्रमा

अधिकतर मेरे लेख अपने आरोग्य को सुधारने, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के अद्भुत फायदों पर आधारित होते हैं। मेरा उद्देश्य सामान्य लोगों को स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है और उन्हें शक्तिशाली आयुर्वेदिक उपचार और उपायों से अवगत कराना है। मेरे लेखों में आपको विशेषज्ञ सलाह और नैतिकता के साथ विश्वसनीय जानकारी मिलेगी जो आपके रोगों को दूर करने में मदद करेगी और आपको स्वस्थ और प्रकृति से समृद्ध जीवन जीने में सहायता करेगी। धन्यवाद।

Oziva [CPS] IN

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Oziva [CPS] IN
Kapiva [CPS] IN