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नपुंसकता (impotence) क्या है ? इसके कारण, लक्षण और इसका आयुर्वेदिक इलाज:

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आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में आपको नपुंसकता (impotence) क्या है ? इसके कारण, लक्षण और इसका आयुर्वेदिक इलाज, बचाव एव सावधानियां: के संबंध मे जानकारी देने का प्रयास करेंगे। तो चलिए जानते है कि नपुंसकता (impotence) क्या है? 

नपुंसकता (impotence) के कारण व्यक्ति को संभोग (sex) करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस दौरान व्यक्ति के लिंग (penis) के तनाव या उत्तेजना नही होती है। व्यक्ति के इसी दोष को नपुंसकता (impotence) कहते है।

वैसे अगर देखा जाए तो यह समस्या कोई स्थाई समस्या नही है। इसको आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। यदि इस समस्या का उपचार समय से भी कराया गया तो यह समस्या व्यक्ति की उम्र के साथ बढ़ती रहती है। उस स्थिति में व्यक्ति को चिकित्सक/डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।  नपुंसकता के कारण व्यक्ति तनाव से ग्रस्त हो सकता है और यह व्यक्ति के आत्मविश्वास के स्तर को प्रभावित कर सकता है। इसके कारण व्यक्ति के वैवाहिक संबंध पूरी तरह से खराब या हमेशा के लिए समाप्त हो सकते है। इसके स्थाई रूप में होने के कारण यह दोष अन्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। यह समस्या आपकी  स्वास्थ्य स्थिति को खराब या हृदय रोगों को पैदा कर सकती है। 

नपुंसकता (impotence) के क्या कारण हैं?:

हमने ऊपर जाना कि नपुंसकता (impotence) क्या है? अब हम जानेंगे कि नपुंसकता (impotence) के क्या कारण हो सकते है: 

नपुंसकता (impotence) को महसूस और अनुभव करना,आमतौर यह एक खराब स्वास्थ्य का  कारण भी हो सकता है। कुछ अन्य मामलों में यह एक मनोवैज्ञानिक समस्या से भी जुड़ी हो सकती है। वैसे लिंग (penis) का उत्तेजित अवस्था में होना एक मानसिक, हारमोन और भावनात्मक क्रिया से जुड़ा हुआ होता है। इस प्रक्रिया में लिंग की नसें, मांसपेशियां और ब्लड कोशिकाओं को गति मिलती है। यदि उपरोक्त में से किसी एक कारण के प्रकाश में आने से से नपुंसकता (impotence) की बीमारी हो सकती है। इसके अतिरिक्त इस बीमारी के अन्य कई कारण है जो, निम्नवत: है:

• कामुकता की सोच रखना (अनर्गलत इंडीजेशन): नपुंसकता के लिए यह सबसे आम कारण हो सकता है, जिसमें पुरुष अपने मानसिक विचारों से गलत धारणा करता है कि इस स्थिति में इस पुरुष के उत्तेजना और तनाव की स्थिति में नही रह पाते है। 

• कामुक डिसफंक्शन: यह आधारिक शारीरिक कारणों से हो सकता है, जैसे कि नपुंसकता या शिश्न रोग।

• शारीरिक कारण: इसमें दर्दनी श्वसन तंत्र, नसों का कमजोर होना, या शरीर के किसी अन्य हिस्से के चोट के कारण सामान्य यौन संबंध बनाने में मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।

• शरीरिक समस्याएं: जैसे कि मधुमेह, रक्तचाप की समस्या, यौन डिज़्फंक्शन, यौन तंतु संबंधित रोग, यौन डिज़्फंक्शन, और न्यूरोलॉजिकल समस्याएँ नपुंसकता के कारण हो सकती हैं।

• मानसिक स्वास्थ्य: स्ट्रेस, अवसाद, अधिक चिंता, यौन डिज़्फंक्शन का डर, और स्वास्थ्य के लिए अवश्यक समर्थन की कमी नपुंसकता के मानसिक कारण हो सकते हैं।

• धातु संबंधित मुद्दे: स्त्री या पुरुष शारीरिक यौन तंतु से जुड़े रोग, जैसे कि प्रदरापित या शुक्राणु संबंधित समस्याएँ, भी नपुंसकता का कारण बन सकती हैं।

• अधिक शराब और नशीली दवाएँ: अधिक शराब पीना और नशीली दवाओं का उपयोग नपुंसकता के आसपासी कारण हो सकता है।

• स्वास्थ्य की देखभाल की लापरवाही: स्वास्थ्य की देखभाल में लापरवाही भी नपुंसकता का कारण बन सकती है, जैसे कि बुरी आहार और जीवनशैली आदतें।

• धातु संकट: पुरुषों में धातु संकट या स्थायी नपुंसकता भी हो सकता है।

• डायबिटीज: डायबिटीज भी यौन संबंध समस्याओं का कारण बन सकता है।

• मादक पदार्थों का दुरुपयोग: नशीली पदार्थों का अधिक सेवन नपुंसकता का कारण बन सकता है।

• वायरल इंफेक्शन: यौन संबंधित वायरल इंफेक्शन भी नपुंसकता के कारण हो सकते हैं।

• अन्य दवाओं का सेवन: कुछ दवाओं का उपयोग नपुंसकता के लिए एक सामान्य कारण हो सकता है, जैसे कि ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन की दवाएँ।

• होमोनल बदलाव: यौन होमोन्स में बदलाव नपुंसकता का कारण बन सकते हैं, खासतर बड़े उम्र के पुरुषों में।

नपुंसकता (impotence) के क्या लक्षण हैं?:

हमने ऊपर जाना कि नपुंसकता (impotence) के क्या कारण है? अब हम जानेंगे कि नपुंसकता (impotence) के क्या लक्षण है: 

नपुंसकता (इम्पोटेंसी) के लक्षण व्यक्ति के यौन शक्तियों में कमी को सूचित करते हैं और इसके कुछ मुख्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

• यौन इच्छा में कमी: यौन इच्छा में कमी या न किसी भी प्रकार की यौन उत्तेजना में कमी हो सकती है।

• यौन संबंध बनाने में कठिनाइयाँ: यौन संबंध बनाने में कठिनाइयाँ आ सकती हैं, और व्यक्ति अपनी सामर्थ्य को गुमराह कर सकता है।

• कठिनाइयों में सदैव विफलता: यौन क्रिया में बार-बार विफलता होना या पुरुष अपनी यौन संतुष्टि प्राप्त नहीं कर पाना।

• अधिक या कम यौन सुखानुभव: यौन संबंधों में अधिक या कम यौन सुख का अहसास हो सकता है, जो नॉर्मल नहीं होता।

• यौन संबंध से भागीदारी में कमी: यौन संबंध से भागीदारी में कमी या पूरी तरह से यौन उत्तेजना की कमी।

• यौन योग्यता में कमी: व्यक्ति यौन योग्यता में कमी का सामना कर सकता है और वो संतुष्टि प्राप्त नहीं कर पाता है।

• पुरुष के यौन अंग में दर्द या असहमति: यौन संबंध बनाने में दर्द या असहमति हो सकती है।

• यौन संबंधों में तनाव: यौन संबंधों के समय तनाव और दुख का अहसास।

• यौन उत्तेजना की भारी दिक्कत: यौन उत्तेजना प्राप्त करने में बड़ी मुश्किलें या यौन उत्तेजना बनाए रखने में कठिनाइयाँ।

• रात के सपनों में यौन उत्तेजना: यौन उत्तेजना के रूप में रात के सपनों में बदलने वाले सपने और यौन उत्तेजना।

• यौन संबंधों में असफलता: यौन संबंधों में बार-बार असफलता और निराशा।

• मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: इम्पोटेंसी के लक्षण मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकते हैं, जैसे कि डिप्रेशन या चिंता।

• आत्म-समर्पण: यौन संबंधों से अंतरंग तौर पर निराश हो जाना और आत्म-समर्पण की भावना।

• यौन संबंधों में संतोष: यौन संबंधों में संतोष नहीं होना और यौन जीवन में खुशी की कमी।

• यौन संबंधों का त्याग: यौन संबंधों का पूरी तरह से त्याग देना या कम कर देना।

नपुंसकता (impotence) का आयुवेदिक उपचार क्या हैं?:

हमने ऊपर जाना कि नपुंसकता (impotence) के लक्षण क्या है? अब हम जानेंगे कि नपुंसकता (impotence) का आयुर्वेदिक उपचार क्या है: तो चलिए जानते है कि नपुंसकता (impotence) का आयुर्वेदिक उपचार के बारे में नपुंसकता का आयुर्वेदिक उपचार कई प्राकृतिक औषधियों और घरेलू उपायों के साथ किया जा सकता है। यहां कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे दिए जा रहे हैं, लेकिन कृपया ध्यान दें कि आपको पहले अपने वैद्य से परामर्श लेना चाहिए क्योंकि यह रोग के कारण और शिद्धि के स्तर पर निर्भर कर सकता है:

• अश्वगंधा (Ashwagandha): अश्वगंधा नपुंसकता के इलाज में मदद कर सकता है। इसके रसायनिक गुण पुरुषों के शारीरिक सामर्थ्य को बढ़ा सकते हैं।

• शिलाजीत (Shilajit): यह पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है और नपुंसकता को दूर करने में सहायक हो सकता है।

•  दूध, छुआरे और किसमिस का सेवन: इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपने आहार में नियमित रूप से  दूध, छुआरे और किसमिस का सेवन करने से नपुंसकता संबधी रोग समाप्त हो सकता है

• सफेद मूसली (Safed Musli): सफेद मूसली पुरुषों के यौन समस्याओं का इलाज करने में मदद कर सकती है और यौन उत्साह बढ़ा सकती है।

• लहसुन का प्रयोग: नपुंसकता के रोगी को सुबह शाम 3-3 कच्चे लहसुन की पुती का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन आ व्यक्ति की नपुंसकता संबंधी बीमारी समाप्त हो सकती है।

• सौंठ और दूध का सेवन: व्यक्ति को सम्भोग क्रिया के कुछ समय उपरांत सौंठ डालकर ओटाया हुआ दूध पीने से  व्यक्ति की सेक्स की शक्ति बढ़ती है।

• मुलहठी और शहद का सेवन: मुलहठी और शहद को बराबर मात्रा में लें और इसमें आधा तोले गाय का घी मिला लें उसके ऊपर दूध पीने से रोगी की मैथुन शक्ति में वृद्धि होती है।

• गोखरू (Gokshura): गोखरू पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है और नपुंसकता को दूर करने में सहायक हो सकता है।

• प्याज और शहद का सेवन: प्याज के रस और शहद को बराबर मात्रा में चाटने से नपुंसकता दूर होती है और वीर्य शक्ति में वृद्धि होती है।

• कौंच बीज (Kaunch Beej): कौंच बीज पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं और शीघ्र स्खलन को दूर कर सकते हैं।

• शहद, गाय का घी और सफेद प्याज का रस का सेवन:  इस रोग से पीड़ित शहद, गाय का घी और सफेद प्याज का रस व्यक्ति को बराबर मात्रा में मिलाकर दूध के साथ लेने से इस रोग से मुक्ति मिलने की संभावना है। 

• दूध और तुलसी के बीज का सेवन:  इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को सुबह के समय गाय के गर्म दूध के साथ तुलसी के बीज और गुड़ को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से व्यक्ति की नपुसंकता दूर हो सकती है। 

• मजबूत इच्छा शक्ति: नपुंसकता रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपने मन में मजबूत इच्छा शक्ति करके हस्तमैथुन को तुरंत बन्द कर देना चाहिए और अपने जीवन को सादा जीवन उच्च विचार के अनुसार रखकर जीवन जीना चाहिए। 

• हस्तमैथुन पर नियंत्रण: नपुंसकता रोग से पीड़ित व्यक्ति को हस्तमैथुन पर नियंत्रण करने के लिए कम से से कम 1 दिन में 1 ग्राम चूना को गन्ने के ताजा रस में मिलाकर सेवन करने से हस्तमैथुन पर नियंत्रण होता है। ( कृपया जिनको पथरी की समस्या है वो चूने का प्रयोग खाने में न करें।)

• लहसुन और शहद का सेवन: इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को लहसुन की 6 से 7 कलियों को साफ करके देशी घी में तलकर पीस लें उसके बाद इसका सेवन करें या लहसुन की कच्ची  2 से 3 कलियाँ शहद के साथ सेवन करने से भी इस रोग से छुटकारा मिल सकता है।  

• अर्जुन चाल (Arjuna Bark): अर्जुन चाल पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती है और नपुंसकता को कम करने में मदद कर सकती है।

• योग और प्राणायाम: योग और प्राणायाम का अभ्यास करने से यौन स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

• सही आहार: एक स्वस्थ और पौष्टिक आहार लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

•  दूध और शतावर का सेवन: इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को  एक लीटर दूध में एक तोला शतावर पीसकर  मिला लें इसको जब तक उबालते रहें जब कि यह दूध आधा न रह जाएं फिर इसमें मिश्री मिलाकर इसका सेवन करें। इसके सेवन से व्यक्ति की  कामेच्छा बढ़ती है और लिंग ढीला नहीं पड़ता है।

• तनाव कम करें: तनाव नपुंसकता के कारणों में से एक हो सकता है, इसलिए तनाव को कम करने के तरीकों का पालन करें

• समय पर नींद: पर्याप्त नींद लेना भी यौन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है।

• सही व्यायाम: नियमित व्यायाम करने से शारीरिक सामर्थ्य बढ़ता है और स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

• स्थिर यौन जीवन: स्थिर और संतुलित यौन जीवन का पालन करें।

• आयुर्वेदिक चिकित्सा: अगर समस्या गंभीर है, तो आयुर्वेदिक चिकित्सा की सलाह लें और विशेषज्ञ के परामर्श के अनुसार उपचार कराएं।

• धूम्रपान और शराब का त्याग: धूम्रपान और शराब का सेवन नपुंसकता के कारणों में से एक हो सकता है, इसलिए इन्हें छोड़ें।

• नपुंसकता के कारणों का निदान: नपुंसकता के कारणों का निदान करने के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें और उनके परामर्श के अनुसार उपचार करें।

कृपया ध्यान दें कि नपुंसकता के कारण और उपचार व्यक्ति के स्वास्थ्य स्तर पर निर्भर कर सकते हैं, इसलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आप एक वैद्य से परामर्श लें और उनके सुझावों का पालन करें।

नपुंसकता (impotence) से बचाव और सावधानियां क्या हैं?:

• स्वस्थ जीवनशैली: एक स्वस्थ और योग्य जीवनशैली अपनाने का प्रयास करें, जिसमें सही आहार, व्यायाम, और पर्यापन शामिल हो।

• रोज़ाना व्यायाम: योग और प्राणायाम जैसे ध्यानिक व्यायाम करना, यौन स्वास्थ्य को सुधार सकता है।

• नियमित चेकअप: नियमित चेकअप और यौन स्वास्थ्य जांच करवाने का अभ्यास बनाए रखें।

• तंबाकू और शराब का सेवन कम करें: तंबाकू और शराब का सेवन यौन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इन्हें कम करें या बिल्कुल छोड़ दें।

• स्ट्रेस का प्रबंधन: स्ट्रेस को प्रबंधन करने के लिए योग और मेडिटेशन का सहायता लें।

• संतुष्टि बनाए रखें: यौन संतुष्टि की बजाय प्रेम, समर्पण, और समझदारी को महत्व दें।

• सही आहार: सही पोषण लें, जिसमें पौष्टिक भोजन शामिल हो, जैसे कि फल, सब्जियां, और प्रोटीन।

• समय-समय पर यौन स्वास्थ्य जांच: समय-समय पर यौन स्वास्थ्य जांच करवाना महत्वपूर्ण है, ताकि समस्याओं का समय पर पता चल सके।

• वैद्यक सलाह: यदि आपको नपुंसकता के लक्षण होते हैं, तो तुरंत वैद्यक सलाह लें और उनकी दिशा और उपचार का पालन करें।

• दवाओं का सही तरीके से उपयोग: यदि डॉक्टर द्वारा दवाइयों का पर्चा दिया जाता है, तो उन्हें सही तरीके से और उनके निर्देशानुसार उपयोग करें।

• अवसाद और चिंता का प्रबंधन: अवसाद और चिंता को नियंत्रित करने के लिए आदर्श तरीके से इलाज करें।

• सही पारिवारिक समर्थन: पारिवारिक समर्थन का आशीर्वाद प्राप्त करें, ताकि आप अपने समस्याओं का सामना कर सकें।

• सही जानकारी प्राप्त करें: यौन स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी प्राप्त करने के लिए अधिक जानकारी जुटाएं।

• सही समय पर इलाज: यदि आपको इम्पोटेंसी के लक्षण होते हैं, तो जल्दी से इलाज करवाने का प्रयास करें।

• सही दवाइयाँ: डॉक्टर द्वारा पर्ची जाने वाली दवाइयों का पूरा नियमित रूप से पालन करें और किसी भी दवा का अतिरिक्त सेवन न करें।

नपुंसकता के इलाज और उपचार के लिए हमेशा वैद्यकीय सलाह और मार्गदर्शन लें, क्योंकि यह एक सांविदानिक चिकित्सा स्थिति है जिसका सही निदान और उपचार महत्वपूर्ण होता है।

एसपी सिंह चंद्रमा

एसपी सिंह चंद्रमा

अधिकतर मेरे लेख अपने आरोग्य को सुधारने, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के अद्भुत फायदों पर आधारित होते हैं। मेरा उद्देश्य सामान्य लोगों को स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है और उन्हें शक्तिशाली आयुर्वेदिक उपचार और उपायों से अवगत कराना है। मेरे लेखों में आपको विशेषज्ञ सलाह और नैतिकता के साथ विश्वसनीय जानकारी मिलेगी जो आपके रोगों को दूर करने में मदद करेगी और आपको स्वस्थ और प्रकृति से समृद्ध जीवन जीने में सहायता करेगी। धन्यवाद।

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