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बरसात के मौसम में तेजी से फैल रही है डायरिया diarrhea की बीमारी, क्या है इसका आयुर्वेदिक उपचार?, बचाव और सावधानियां।

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हम इस पूरे ब्लॉग आर्टिकल में आपको बरसात के मौसम में तेजी से फैल रही है डायरिया diarrhea की बीमारी, क्या है इसका आयुर्वेदिक उपचार, बचाव और सावधानियां। के संबध में जानकारी देने का प्रयास करेंगे। तो चलिए जानते है कि डायरिया diarrhea  की बीमारी क्या है?:

आजकल हमारे भारत में मानसूनी दौर चल रहा है इस मानसूनी दौर में हमारे आसपास लगातार बरसात हो रही है। इस बरसात के मौसम में हर जगह खतरनाक वायरस और बैक्टीरिया पैदा हो रहे है और इस मौसम में हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती हैं। इस कारण से हमारे खाने और पीने की वस्तुएं भी वायरस और बैक्टीरिया ग्रस्त हो जाती है। इसी बरसात के मौसम में एक खतरनाक डायरिया diarrhea यानि दस्त की बीमारी हो जाती है। इस बीमारी की चपेट में बड़े व्यक्तियों से लेकर छोटे बच्चे तक आ जाते है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मानसूनी दौर में किसी न किसी को डायरिया diarrhea (दस्त) की बीमारी होती है। वैसे तो डायरिया (दस्त) की बीमारी होना एक आम समस्या है, लेकिन यह समस्या कभी भी खतरनाक रूप में आ सकती है। डायरिया (दस्त) की बीमारी हमारे पाचन तंत्र के कारणों से उत्पन्न होती है। इसमें रोगी को दस्त होने की समस्या बन जाती है। डायरिया खराब पानी या खाने में वायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन, विषाक्त खाद्य पदार्थों का सेवन, एलर्जी, जठराग्नि में ऐंठन, आंत में सूजन, पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेट में गैस, अपच, उलटी, पानी की तरह पतले दस्त, बुखार, थकावट अन्य पाचन संबंधी लक्षण शामिल हो सकते हैं। यदि रोगी को दस्त की परेशानी ज्यादा समय तक बनी रहती है तो इस परिस्थिति में रोगी डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकता है या कोई गंभीर इंफेक्शन बन सकती है।

डायरिया diarrhea की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार क्या है?:

अब हम डायरिया diarrhea की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार क्या है? के बारे मे जानकारी करते है। आयुर्वेदिक उपचार करके भी हम डायरिया diarrhea की बीमारी से बचाव किया जा सकता है। तो आईए जानते है कि डायरिया diarrhea की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार क्या है?:

• पानी पिएं: डायरिया diarrhea की बीमारी में दस्त होने से हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में कोशिश करें कि रोगी को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में ORS या इलेक्ट्राल सैशे (Electral Sachet) युक्त पानी पिलाना चलिए या फिर नींबू पानी, नमक-चीनी का घोल, नारियल पानी का भी सेवन ऐसे समय में काफी लाभदायक होता है।

• दही और इसबगोल (Isabgol) की भूसी: दस्त को रोकने और पेट दर्द में दही और इसबगोल (Isabgol) का इस्तेमाल कभी मदद करता है।

• अदरक का टुकड़ा: अदरक में एंटीफंगल और एंटी- बैक्टीरियल तत्व होते है, जो रोगी के पेट दर्द में राहत देने का काम करते है। अदरक के छोटे छोटे टुकड़े काट लें और उसका छिलका उतार कर रोगी के मुंह में डालकर टॉफी की तरह चूसना से दर्द आदि में लाभ मिलता है।

• जीरा का सेवन: डायरिया या दस्त में रोगी को एक चम्मच जीरा चबा लेना चाहिए। जीरे को चबाकर खाएं उसके बाद ऊपर से पानी पी लें दस्त रुक जाते हैं।

• केला खाना:  डायरिया से ग्रस्त व्यक्ति को केला का सेवन करना चाहिए। केले  में  मौजूद पेक्टिन और पोटै‍शियम के गुन  शरीर के लिए फायदेमंद होते है।

• सौंफ का पानी: बच्चों को बरसाती मौसम में डायरिया diarrhea (उल्टी या दस्त) होने पर सौंफ के पानी का सेवन करने से लाभ मिलता है। एक गिलास गर्म पानी में थोड़ा सा सौंफ डालें और उसे 10-15 मिनट तक ढककर रखें। फिर इसे छानकर बच्चों को थोड़ा थोड़ा पिलाएं। सौंफ के द्वारा पाचन तंत्र में सुधार होता है। सौंप के सेवन से उल्टी और दस्त की समस्या से राहत मिल सकती है।

• दालचीनी और शहद: दालचीनी और शहद को मिलाकर बच्चों को देने से डायरिया (उल्टी दस्त) की समस्या कम हो सकती है। एक चम्मच शहद में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाएं और बच्चों को खिलाएं।

• गुड़ और सौंफ: बच्चों को गुड़ के साथ थोड़ा सा सौंफ खिलाने से भी  डायरिया (उल्टी और दस्त) की समस्या से राहत मिल सकती है।

• पुदीना और दही: बच्चों को पुदीना के ताजे पत्तों को पीसकर दही के साथ मिलाकर खिलाने से भी डायरिया (उल्टी और दस्त) की समस्या में आराम मिल सकता है।

• तुलसी की पत्तियां: तुलसी की पत्तियों को पीसकर बच्चों को देने से डायरिया (उल्टी और दस्त) की समस्या कम हो सकती है। तुलसी के रस को शहद के साथ मिलाकर खिलाने से भी लाभ मिलता है।

• यदि बच्चों की डायरिया (उल्टी और दस्त) की समस्या गंभीर है या दिक्कत जारी रहती है, तो आपको तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। आयुर्वेदिक इलाज के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श लेना भी जरूरी है, क्योंकि हर बच्चे का शरीर और प्रकृति अलग होती है और इसके अनुसार इलाज भी तय किया जा सकता है।

• धानिये का पानी (Coriander Water): धानिये के बीजों को पानी में भिगोकर उस पानी को अगले दिन तक पिएं। यह पानी पाचन को सुधारने में मदद करता है और उल्टी और दस्त को रोकता है।

• अदरक (Ginger): अदरक को छोटे टुकड़ों में काटकर नमक और नींबू के साथ खाएं। अदरक आपके पाचन को सुधारता है और उल्टी और दस्त को रोकता है।

• आंमला (Indian Gooseberry): आंमला का रस निकालकर इसे एक पानी में मिलाएं और रोजाना पिएं। यह आपके शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और आपको उल्टी और दस्त से बचाता है।

• पोदीना (Mint): पोदीने के पत्तों को पीसकर निम्बू और नमक के साथ खाएं। यह आपके पाचन को सुधारता है और उल्टी और दस्त को रोकता है।

• तुलसी (Holy Basil): तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी को ठंडा करके पिएं। यह आपके शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और आपको उल्टी और दस्त से बचाता है।

• खिचड़ी (Khichdi): उल्टी और दस्त के समय आप खिचड़ी खाएं, जिसमें मूंग दाल और चावल होता है। यह आपके पाचन को सुधारता है और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।

डायरिया diarrhea की बीमारी का बचाव और सावधानियां क्या है?:

अब हम डायरिया diarrhea की बीमारी का बचाव और सावधानियां क्या है? के बारे मे जानकारी करते है। डायरिया diarrhea की बीमारी का बचाव और सावधानियां का पालन करके हम डायरिया diarrhea की बीमारी से बच सकते है। तो आईए जानते है कि डायरिया diarrhea की बीमारी का बचाव और सावधानियां क्या है?:

• स्वच्छता का ध्यान रखें: बरसाती मौसम में भीगने से या गंदे पानी के संपर्क में आने से बचें। हमेशा स्वच्छ पानी का उपयोग करें और खाने के समय भी हाथों को धोने का ध्यान रखें।

• सुरक्षित खानपान: बरसाती मौसम में स्वदिष्ट खाद्य पदार्थों का सेवन करना तेजी से बढ़ती गर्मी और नमी के कारण आसान होता है। हालांकि, आपको  डायरिया (उल्टी और दस्त) से बचने के लिए तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन नही करना चाहिए।

• पानी का पर्याप्त सेवन: बरसात के मौसम में शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसलिए, पर्याप्त पानी पीने का ध्यान रखें और दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।

• पानी की स्वच्छता: बरसाती मौसम में पानी की साफ़-सफाई पर विशेष ध्यान दें। यदि आप पानी को बाहर से खरीदते हैं, तो उसे अच्छी तरह से धोकर प्रयोग करें।

• फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोएं: बरसाती मौसम में फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही सेवन करें। इससे आप वायरस और बैक्टीरिया के संपर्क से बच सकते हैं।

• हाथों को साबुन से धोएं: बरसाती मौसम में हाथों को समय-समय पर साबुन से धोना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाथों के माध्यम से ही अधिकतर संक्रमण फैलते हैं।

• स्वस्थ आहार: अपने खानपान में स्वस्थ आहार शामिल करें जिसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, पोषक तत्व, विटामिन्स, और मिनरल्स हों। यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएगा और संक्रमण से बचाने में मदद करेगा।

• स्वस्थ आहार: अपने खानपान में स्वस्थ आहार शामिल करें जिसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, पोषक तत्व, विटामिन्स, और मिनरल्स हों। यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएगा और संक्रमण से बचाने में मदद करेगा।

हमने इस पूरे लेख में डायरिया diarrhea की बीमारी क्या है? इसके बचाव और सावधानियां के बारे में जानकारी की है। हम इन सावधानियां को अपनाने से बरसाती मौसम में डायरिया उल्टी और दस्त की बीमारी से बचा जा सकता है।

एसपी सिंह चंद्रमा

एसपी सिंह चंद्रमा

अधिकतर मेरे लेख अपने आरोग्य को सुधारने, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के अद्भुत फायदों पर आधारित होते हैं। मेरा उद्देश्य सामान्य लोगों को स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है और उन्हें शक्तिशाली आयुर्वेदिक उपचार और उपायों से अवगत कराना है। मेरे लेखों में आपको विशेषज्ञ सलाह और नैतिकता के साथ विश्वसनीय जानकारी मिलेगी जो आपके रोगों को दूर करने में मदद करेगी और आपको स्वस्थ और प्रकृति से समृद्ध जीवन जीने में सहायता करेगी। धन्यवाद।

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