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क्या आप जानते है? गिलोय का सेवन आपकी काया को कर सकता है निरोगी, जाने गिलोय के फायदे:

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आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में आपको गिलोय के फायदों से रूबरू कराने का प्रयास करेंगे, तो चलिए जानते है गिलोय के क्या फायदे हो है:

गिलोय की पत्त‍ियां देखने पर पान के पत्ते की तरह दिखाई देती है। गिलोय की पत्त‍ियों में कैल्शि‍यम, प्रोटीन और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा गिलोय के तनों में स्टार्च की भी मात्रा होती है। अगर यदि देखा जाए यो गिलोय एक बेहतरीन पावर ड्रिंक है, जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के साथ-साथ कई खतरनाक बीमारियों से हमको सुरक्षा प्रदान करती है। गिलोय एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जिसके सेवन से हम अपनी इम्यूनिटी पॉवर को बढ़ा सकते है। गिलोय को आयुर्वेद में “अमरता की जड़” के नाम से भी जाना जाता है। वैसे लोग अपनी इम्यूनिटी पॉवर को बढ़ाने के लिए तरह- तरह की दवाइयों और महंगी डाइट का सेवन करते है। जबकि इम्यूनिटी पॉवर को बढ़ाने के लिए हमारे आयुर्वेद में सस्ते और नेचुरल उपाय भी मौजूद है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि गिलोय की पत्तियों को पानी में उबालकर नियमित सेवन करने से इम्यूनिटी पॉवर बढ़ती  है। गिलोय की पत्तियों को अन्य फलों के साथ या जूस में मिलाकर भी सेवन कर सकते है। इसके इस्तेमाल से हम कोरोना जैसी महामारी से भी बचाव कर सकते है। हम सबने कोरोना महामारी में गिलोय का जादू देखा है। इसके अतिरिक्त हम गिलोय का इस्तेमाल डायबिटीज की बीमारी के लिए भी कर सकते है। इस बीमारी में नीम और गिलोय का जूस एक रामबाण इलाज है।

विशेषज्ञों ने बताया है कि, डायबिटीज एक जीवन शैली या (लाइफस्टाइल डिजीज) दिनचर्या पर आधारित बीमारी है। अब तक इस बीमारी की पकड़ में बहुत से लोग आ चुके है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुमान के अनुसार, विश्वभर में हर साल लगभग 1.6 मिलियन मौतें मधुमेह के कारण होती हैं। WHO संगठन ने दावा किया है कि वर्ष 2030 तक डायबिटीज विश्वभर में सबसे बड़ी मौतों का कारण बन सकता है। यदि हमको डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाव करना है तो हमको संतुलित आहार और जीवनशैली को अपने दैनिक जीवन में अपनाना होगा। इसके अलावा गिलोय मेटाबॉलिज्म सिस्टम को, बुखार में, खांसी, जुकाम और गैस्ट्रोइंटसटाइनल की समस्याओं में बहुत लाभदायक होती है। इसके अतिरिक्त ये कई बड़ी बीमारियों से आपकी रक्षा कर सकती है। आप इसका उपयोग उबले हुए पानी, जूस, काढ़ा, चाय या कॉफी में भी कर सकते हैं।

 जाने गिलोय के क्या फायदे हो सकते है: 

• एनीमिया को दूर करने में सहायक: गिलोय के इस्तेमाल से एनीमिया की बीमारी को दूर किया जा सकता है। गिलोय को घी और शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से खून की कमी दूर हो सकती है। 

• हाथ-पैरों में जलन या स्किन एलेर्जी के लिए: गिलोय के सेवन से हम अपने हाथ-पैरों में जलन या स्किन एलेर्जी को समाप्त कर सकते है। इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए हम गिलोय को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए गिलोय की पत्त‍ियों को पीसकर उसका पेस्ट तैयार कर लें और इसे सुबह-शाम पैरों और हथेलियों पर लगाने से हाथ-पैरों में जलन या स्किन एलेर्जी में राहत मिलती है 

• पेट से जुड़ी कई बीमारियों के लिए: गिलोय का इस्तेमाल पेट से जुड़ी कई बीमारियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। गिलोय के सेवन से कब्ज और गैस आदि की समस्या नहीं बनती है। पाचन क्रिया भी दुरुस्त बनी रहती है।

• सर्दी और बुखार के लिए:  गिलोय का इस्तेमाल हम सर्दी और बुखार को दूर करने के लिए कर सकते है। यदि आपको बहुत दिनों से बुखार बना हुआ है और आपका तापमान कम नहीं हो रहा है, तो इस स्थिति में हम गिलोय की पत्त‍ियों का काढ़ा बनाकर इसका सेवन कर सकते है। इससे बुखार में आराम मिलेगा और तापमान भी कम होगा।

पीलिया की बीमारी के लिए: गिलोय का सेवन पीलिया की बीमारी में बहुत फायदेमंद होता है। इसका इस्तेमाल हम चूर्ण के रूप में भी कर सकते है। इसके अलावा हम गिलोय की पत्त‍ियों को पानी में उबालकर भी पी सकते है। अगर आप चाहें तो गिलोय की पत्त‍ियों को पीसकर शहद के साथ भी सेवन कर सकते है। 

गिलोय के सेवन के कुछ नुकसान भी हों सकते है:

कोरोना महामारी के बाद से अधिकांश लोग गिलोय जैसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के गुणों से परीचित हैं। गिलोय का सेवन आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ विशेष स्थितियों में या अधिक मात्रा में इसका सेवन किया जाता है, तो नुकसान हो सकता है। यहां कुछ संभावित नुकसान दिए जा रहे हैं:

• एलर्जी: कुछ लोगों को गिलोय के सेवन से अलर्जी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप चुभन, खुजली, त्वचा के लाल दानों का दिखाई देना, या दुर्भाग्यपूर्ण तौर पर श्वासन रुकावट का भी अनुभव किया जा सकता है।

• गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को गिलोय का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, क्योंकि इसके गर्भ संबंधित प्रभावों के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं होती हैं।

• किडनी की बीमारियाँ: किडनी संबंधित समस्याओं वाले व्यक्तियों को गिलोय का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इसके कुछ घातक प्रभाव हो सकते हैं।

• सिरोसिस: सिरोसिस जैसी जिगर से संबंधित बीमारियों के रोगीयों को डॉक्टर की सलाह पर ही गिलोय का सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसके विशेष प्रभाव भी हो सकते हैं।

• ब्लड थिनर्स: गिलोय ब्लड थिनर्स के साथ सेवन किया जाता है, जो अधिक मात्रा में लेने पर रक्त की पत्तियों को पतला कर सकता है। इसलिए, अगर आपको ब्लड थिनर्स की दवाएं ली जा रही हैं, तो गिलोय का सेवन से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

• डायबिटीज: डायबिटीज रोगियों को भी गिलोय का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इसके प्रभाव पर उनकी डायबिटीज पर निर्भर कर सकता है।

• कैंसर: कुछ तथ्य इस बात का सुझाव देते हैं कि गिलोय कैंसर के इलाज में मदद कर सकता है, लेकिन इस बारे में और अधिक अनुसंधान की आवश्यकता है।

• बच्चों को सुरक्षित रखें: गिलोय के सेवन को बच्चों के लिए सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए। बच्चों को इसकी सही मात्रा और तरीके के साथ ही देना चाहिए, और वो डॉक्टर की सलाह के अनुसार होना चाहिए।

आपको गिलोय या किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर अगर आप किसी और बीमारी का इलाज कर रहे हैं या डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का सेवन कर रहे हैं। डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें और सही मात्रा में ही इसका सेवन करें।

एसपी सिंह चंद्रमा

एसपी सिंह चंद्रमा

अधिकतर मेरे लेख अपने आरोग्य को सुधारने, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के अद्भुत फायदों पर आधारित होते हैं। मेरा उद्देश्य सामान्य लोगों को स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है और उन्हें शक्तिशाली आयुर्वेदिक उपचार और उपायों से अवगत कराना है। मेरे लेखों में आपको विशेषज्ञ सलाह और नैतिकता के साथ विश्वसनीय जानकारी मिलेगी जो आपके रोगों को दूर करने में मदद करेगी और आपको स्वस्थ और प्रकृति से समृद्ध जीवन जीने में सहायता करेगी। धन्यवाद।

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