iHerb WW
Search
Close this search box.

महिलाओं को सफेद पानी (White Water discharge) क्यों आता है?, इसके कारण, लक्षण और इसका आयुर्वेदिक उपचार, बचाव तथा सावधानियां:

Healthkart [CPS] IN

आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में आपको महिलाओं को सफेद पानी क्यों आता है, इसके कारण, लक्षण और इसका आयुर्वेदिक उपचार, बचाव तथा सावधानियों के संबंध में जानकारी देने का प्रयास करेंगे। ताकि आप इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़कर अपनी बीमारी को सुधार सकें। तो चलिए जानते है कि महिलाओं को सफेद पानी क्यों आता है: 

आजकल लगभग सभी महिलाओं को सफेद पानी (White Water discharge) की समस्या हो रही है। महिलाओं को कभी न कभी  अपने जीवनकाल में सफेद पानी जरूर आया होगा। सफेद पानी योनि से लगातार निकालने वाला एक ऐसा तरल पदार्थ होता है। जो गंध के साथ हल्के पीलापन या  दूध के जैसा होता है। यह तरल पदार्थ कभी अधिक गाढ़ा या हल्का पतला होता है। वैसे तो यह सफेद पानी योनि को अंदर से साफ करके योनि के संक्रमण को रोकता हैं और महिला की प्रजनन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का कार्य करता हैं।

सफेद पानी (White Water discharge) हमारी योनि और गर्भाशय ग्रीवा के भीतर ग्रंथियों के द्वारा बनाया गया सफेद पानी हमारी मृत कोशिकाओं और बैक्टीरिया को समाप्त करता हैं। अनेक महिलाओं को लगभग रोजाना ही सफेद पानी डिस्चार्ज होता हैं और कुछ महिलाओं को कभी कभी सफेद पानी डिस्चार्ज होता है। वैसे यह सफेद पानी का डिस्चार्ज होना एक सामान्य बात है। योनि से निकला पानी जैसा डिस्चार्ज एक स्वस्थ योनि का संकेत होता  हैं।

महिलाओं में यह सफेद पानी के डिस्चार्ज की मात्रा हमारे मासिक धर्म (menstruation) पर निर्भर करती हैं। सफेद पानी डिस्चार्ज अण्डोत्सर्ग (Ovulation) के समय, यौन उत्तेजना के दौरान या स्तनपान कराते से अधिक होता है। जब महिला गर्भावस्था हो या योनि की साफ सफाई में कमी होने पर डिस्चार्ज की मात्रा या गंध अलग प्रकार की हो सकती हैं। जब हम गर्भावस्था के दौरान या गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करते समय हमारे एस्ट्रोजन का स्तर अधिक हो जाता हैं। जिस कारण से डिस्चार्ज अधिक होने का अनुभव महसूस होता है। यदि आपको लगता है कि हमारे सफेद पानी का डिस्चार्ज अधिक हो रहा है या इसमें कोई अन्य तरह का परिवर्तन नजर आता हैं तो यह एक संक्रमण (infection) का संकेत भी हो सकता हैं।

सफेद पानी (White Water discharge) आने के क्या करण है:  

महिलाओं में सफेद पानी (White Water discharge) आने के कई कारण हो सकते है। इस ब्लॉग पोस्ट में आपको महिलाओं में सफेद पानी आने के कारण निम्नवत: है:

• बीमारी के कारण: अक्सर सफेद पानी की समस्या मधुमेह (diabetes), तपेदिक (tuberculosis) और रक्ताल्पता (anemia) आदि बीमारियों के कारण कई महिलाओं की रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाने के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

• गर्भावस्था के समय:  गर्भधारण के पहले और तीसरे महीने में महिलाओं को सफेद पानी आ सकता है, जिसे लेक्योरिया कहा जाता है। 

• योनि की स्वच्छता: यदि महिलाएं योनि की स्वच्छता पर ध्यान नहीं देते है तो, इस कारण से भी सफेद पानी आने की समस्या हो सकती है।

• अंडाकोष इन्फेक्शन (testicular infection): अंडाकोषों में संक्रमण होने पर भी सफेद पानी आने की समस्या हो सकती है।

• बैक्टीरियल इन्फेक्शन:  योनि में बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने के कारण भी सफेद पानी आ आने की संभावना हो सकती है।

• योनि के संरचना में परिवर्तन: कई बार योनि के संरचना में परिवर्तन के कारण भी सफेद पानी आना संभव होता है।

हारमोनल बदलाव: हार्मोनों में बदलाव के कारण भी सफेद पानी आ सकता है।

• स्त्रीधर्म: स्त्रीधर्म के प्रारंभ में भी सफेद पानी आ सकता है।

• योनि के इन्फेक्शन: योनि के अंदर हुए संक्रमण के कारण भी सफेद पानी आ सकता है।

• गर्भनिरोधक गोलियाँ: कुछ गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करने से भी सफेद पानी आ सकता है।

• अव्यवस्थित खानपान: अव्यवस्थित और अशुद्ध खानपान भी सफेद पानी की समस्या को बढ़ावा दे सकता है।

• धूप में लंबी अवधि तक रहना: धूप में लंबी अवधि रहने से भी सफेद पानी की समस्या हो सकती है।

• स्थायी चिकित्सायी दवाएँ: कुछ स्थायी चिकित्सायी दवाओं के सेवन से भी सफेद पानी आ सकता है।

• स्वस्थ्य जीवनशैली: स्वस्थ्य जीवनशैली पर ध्यान न देने के कारण भी  सफेद पानी की समस्या हो सकती है।

• आईयूसीडी में जलन होना:  IUCD (infra uterine contraceptive device) इन्फ्रा गर्भाशय गर्भनिरोधक उपकरण में सा संक्रमण या जलन होने के कारण से दर्द और डिस्चार्ज आदि की समस्या पैदा हो सकती है।

• कवक ( fungus) से : कैंडिडा एल्बीकैंस (candida albicans) नामक फंगस से नमी युक्त वातावरण में यह अपनी वृद्धि कर सकता है। यह फंगस अक्सर  सिंथेटिक अंडरगारमेंट्स (synthetic undergarments) आदि के द्वारा बढ़ता है।

• मासिक धर्म (menstruation) के दौरान सफाई न रखना:  यदि हम  मासिक धर्म (menstruation) के दौरान उचित सफाई का ध्यान नही रखते आज तो इस कारण से योनि में संकरण हो सकता है और सफेद पानी आने का खतरा बढ़ सकता है। 

• चोट लगने पर: यदि गर्भपात (abortion) या प्रसव  के दौरान योनि (Vagina) या गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix) या किसी कारणवश से गर्भ (Pregnancy) में चोट लगना, अधिक बार यौन क्रीड़ा करना आदि कारण से भी सफेद पानी आने के चांस होते है। 

• भावनाओं में बहना: चिंता (anxiety), ज्यादा तनाव (high tension), यौन चिंता (sexual anxiety) और वर्क लोड के द्वारा भी योनि में संक्रमण (vaginal infection) हो सकता है। हमारी योनि में स्वस्थ और अस्वस्थ (healthy and unhealthy) बैक्टीरिया मौजूद होते है। यह बैक्टीरिया तनाव और चिंता के कारण संतुलित अवस्था में नही रह पाते है। इस कारण से भी सफेद पानी  आने की संभावना होती है।

• स्प्रे और जेली का प्रयोग (spray and jelly): अक्सर पुरुषो द्वारा अपनी सेक्स लाइफ को उत्तेजित करने के लिए स्प्रे और जेली का प्रयोग किया जाता है।  महिलाएं अनचाहे गर्भधारण से बचाव हेतु व शुक्राणुओं (sperms) को मारने के लिए जेली और दवाओं का प्रयोग करती है। इस कारण से भी सफेद पानी आने की संभावना होती है।

• खराब आहार का सेवन (poor diet): अधिक मात्रा में उत्तेजक पदार्थों के सेवन जैसे: चाय (Tea), कॉफी (coffee), धूम्रपान (smoking) और शराब (alcohol) से भी सफेद पानी आने की संभावना होती है।

सफेद पानी (White Water discharge) आने के लक्षण क्या है?:

सफेद पानी (White Water discharge) आने के निम्न लक्षण हो सकते है:

• सफेद पानी का प्राकृतिक रंग: यह पानी आमतौर पर हल्का पीला या सफेद होता है, जिसमें कोई विशेष गंध नहीं होती है।

• योनि से निकलने वाला पानी: सफेद पानी योनि से निकलता है और उसके साथ योनि क्षेत्र को भी गीला कर सकता है।

• गंध और बदबू: कई बार सफेद पानी के साथ योनि क्षेत्र में गंध और बदबू आती है।

• जलन और खुजली: सफेद पानी के साथ योनि क्षेत्र में जलन और खुजली की समस्या हो सकती है।

• पेशाब के समय खींचाव: सफेद पानी की समस्या होने पर पेशाब के समय योनि क्षेत्र में खींचाव की समस्या हो सकती है।

• शरीर में कमजोरी: यह समस्या अधिकतर महिलाओं में परिस्थितियों के कारण शरीर में कमजोरी उत्पन्न कर सकती है।

• बुखार और सामान्य अवसाद: कई बार सफेद पानी के साथ बुखार और सामान्य अवसाद की समस्या हो सकती है।

• पेट में दर्द: सफेद पानी के साथ कई बार पेट में दर्द की समस्या हो सकती है।

• सिरदर्द और थकान:  यह समस्या बार-बार होने पर सिरदर्द और थकान की समस्या हो सकती है।

पैनिक और तनाव: सफेद पानी के साथ योनि क्षेत्र में ज्यादा पैनिक और तनाव की समस्या हो सकती है।

• श्वेत प्रदर (सफेद पानी) की अधिकता: यह समस्या बच्चेदानी क्षेत्र में श्वेत प्रदर की अधिकता की समस्या को दर्शाती है।

• पेशाब में समस्याएँ: सफेद पानी के साथ पेशाब में समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि बार-बार पेशाब आना या पेशाब में बदबू आना।

• पेट दर्द और पाचन की समस्या: सफेद पानी के साथ पेट दर्द और पाचन संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं।

• योनि क्षेत्र में खिचाव: सफेद पानी के साथ योनि क्षेत्र में खिचाव की समस्या हो सकती है।

• हाथ-पैर में सूजन और दर्द: कुछ क्षेत्रों में सफेद पानी के साथ हाथ-पैर में सूजन और दर्द हो सकता है।

यदि आपको सफेद पानी आने की समस्या है, तो आपको एक वैद्यकीय और चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए, ताकि सही निदान और उपचार किया जा सके।

सफेद पानी (White Water discharge) आने का आयुर्वेदिक उपचार क्या है?:

सफेद पानी (White Water discharge) यदि देखा जाए तो कोई गंभीर समस्या नही है, लेकिन इसका समय से उपचार नही कराया गया तो यह गंभीर रूप ले सकती है। यहां हम आपको सफेद पानी (White Water discharge) के कुछ आयुर्वेदिक उपचार बता रहे है। जिनका इस्तेमाल करके आप लाभ उठा सकते है। इसके कुछ आयुर्वेदिक उपचार निम्नवत है:

• शतावरी: शतावरी के प्रयोग से योनि क्षेत्र की सूजन और सफेद पानी की समस्या में सुधार हो सकता है।

• अशोक छाल: अशोक छाल के चूर्ण का प्रयोग बार-बार सफेद पानी आने की समस्या में लाभकारी हो सकता है।

• पालाश छाल: पालाश छाल के प्रयोग से योनि क्षेत्र की सूजन और सफेद पानी की समस्या में मदद मिल सकती है।

• गुडूची: गुडूची का प्रयोग योनि क्षेत्र की सूजन और सफेद पानी की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।

• अंजीर प्रयोग: अंजीर के फल के रस का प्रयोग सफेद पानी आने की समस्या में लाभकारी हो सकता है।

• आंवला प्रयोग:  आंवला का प्रयोग सफेद पानी की समस्या में शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

• त्रिफला का प्रयोग: त्रिफला के प्रयोग से पाचन शक्ति बढ़ सकती है और सफेद पानी की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है।

• नीम का प्रयोग: नीम के पत्तों का प्रयोग सफेद पानी आने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।

• दूध और शहद का सेवन: रोगी को रात के समय  एक गिलास दूध में दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से सफेद पानी में काफी आराम मिलता है।

• दालचीनी:  दालचीनी का प्रयोग सफेद पानी की समस्या में लाभकारी हो सकता है।

• सुखा आँवला और मुलहठी का चूर्ण: सफेद पानी की समस्या से निजात पाने के लिए रोगी को सुखा आँवला और मुलहठी का चूर्ण बनाकर इसको देशी मधुमक्खी के शहद में मिलाकर चाटें उसके बाद एक गिलास गाय के दूध का सेवन करने से इस बीमारी में लाभ मिलता है। 

• तुलसी: तुलसी के पत्तों का प्रयोग योनि क्षेत्र की सूजन और सफेद पानी की समस्या में मदद कर सकता है।

• सूखे सिघांड़े का सेवन: सफेद पानी न आए इसके लिए आपको रात में चार सूखे सिघांड़े पानी ने भिगोकर रख दें। फिर इनको प्रातःकाल पत्थर के सिलबट्टे पर पीसकर इसमें मिश्री, गाय के दूध में तुलसी का रस मिलाकर खाली पेट पीने से इस बीमारी में अति लाभ मिलता है। 

• योनि की सफाई: योनि क्षेत्र को हल्के गरम पानी से धोने से सफेद पानी की समस्या में लाभ हो सकता है।

• केले का सेवन: सुबह के समय प्रतिदिन दो पके केलों का सेवन करने से सफेद पानी को समस्या में बहुत आराम मिलता है। 

• आहार और विश्राम: स्वस्थ आहार और प्राणायाम की अभ्यासना सफेद पानी की समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं।

• पानी की पर्याप्त मात्रा:  पानी की पर्याप्त मात्रा में पीने से शरीर में होने वाली बदलाव से सफेद पानी की समस्या में सुधार हो सकता है।

• विशेषज्ञ की सलाह: सफेद पानी आने की समस्या में अधिक लाभकारी उपायों के लिए आपको विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए, जो आपकी समस्या को सही निदान और उपचार के साथ समझ सकें।

• पका केला और शहद: दो पके केले को 25 ग्राम देशी गाय के घी को मिलाकर सुबह और शाम खाने से सफेद पानी की बीमारी में बहुत आराम मिलता है।

• तुलसी का रस और शहद का सेवन: सफेद पानी की समस्या से छुटकारा पाने के लिए थोड़े से तुलसी के रस में देशी मधु मक्खी का शहद मिलाकर सुबह और शाम इसको चाटने से लाभ मिलता है। 

•  मूली का सेवन: सफेद पानी की बीमारी में मूली खाना बहुत फायदेमंद होता है। इसका रोगी को नियमित सेवन करना चाहिए। 

नोट: ऊपर दिए गए उपचार का प्रयोग केवल विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही प्रयोग करें और सावधानी बरतें।

सफेद पानी (White Water discharge) के लिए बचाव और सावधानियां क्या है?:

सफेद पानी (White Water discharge) के लिए निम्नलिखित बचाव और सावधानियां अपनाकर सफेद पानी (White Water discharge) से बचा जा सकता हैं:

• स्वच्छता का ध्यान: योनि क्षेत्र की स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें। नियमित योनि की साफ सफाई करें और बैक्टीरिया रहित साबुन का प्रयोग करें।

• पर्याप्त मात्रा में पानी पीना: पर्याप्त मात्रा में पानी  पीने से शरीर के अंदर की जलापूर्ति होती है, जिससे सफेद पानी की समस्या में मदद मिल सकती है।

• सही आहार: सही आहार खाने के लिए सतत ध्यान रखें, जैसे कि मौसमी फल, सब्जियाँ, अनाज और प्रोटीन-रिच आहार।

• स्ट्रेस कम करें: ध्यान, योग, प्राणायाम, और स्ट्रेस प्रबंधन की तकनीकों का प्रयोग करके मानसिक स्वास्थ्य को सुधारें।

• व्यर्थ की भागदौड़ से बचें: नियमित आराम के करें, इसके साथ ही नियमित नींद लेने का प्रयास करें और व्यर्थ की भागदौड़ से बचें।

• हाइजीनिक पैड का प्रयोग: हाइजीनिक पैड का इस्तेमाल करके योनि क्षेत्र की सफाई को सुनिश्चित करें।

• नियमित योगासन और प्राणायाम:  योगासन और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करना शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

• नियमित विशेषज्ञ की सलाह: सफेद पानी आने की समस्या में अधिक लाभकारी उपायों के लिए आपको विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए, जो आपकी समस्या को सही निदान और उपचार के साथ समझ सकें।

नोट: उपरोक्त सुझावों का पालन करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक हो सकता है। अपने डॉक्टर से परामर्श करें और सही दिशा निर्देशन प्राप्त करें।

एसपी सिंह चंद्रमा

एसपी सिंह चंद्रमा

अधिकतर मेरे लेख अपने आरोग्य को सुधारने, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के अद्भुत फायदों पर आधारित होते हैं। मेरा उद्देश्य सामान्य लोगों को स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है और उन्हें शक्तिशाली आयुर्वेदिक उपचार और उपायों से अवगत कराना है। मेरे लेखों में आपको विशेषज्ञ सलाह और नैतिकता के साथ विश्वसनीय जानकारी मिलेगी जो आपके रोगों को दूर करने में मदद करेगी और आपको स्वस्थ और प्रकृति से समृद्ध जीवन जीने में सहायता करेगी। धन्यवाद।

Oziva [CPS] IN

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Oziva [CPS] IN
Kapiva [CPS] IN